• श्रीनिवासन की फिर से बहाली की याचिका खारिज

    सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एन. श्रीनिवासन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष के तौर पर अपनी फिर से बहाली का आग्रह किया था। न्यायालय ने पहली बार इस बात का खुलासा किया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की स्वतंत्र जांच करने वाली जस्टिस मुकुल मुद्गल समिति ने जो गुप्त लिफाफा न्यायालय के सामने पेश किया है, उसमें 13 लोगों के नाम हैं और 13वां नाम श्रीनिवासन का है। मुद्गल समिति ने श्रीनिवासन पर 12 तरह के गम्भीर आरोप लगाए हैं। ...

    नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एन. श्रीनिवासन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष के तौर पर अपनी फिर से बहाली का आग्रह किया था। न्यायालय ने पहली बार इस बात का खुलासा किया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की स्वतंत्र जांच करने वाली जस्टिस मुकुल मुद्गल समिति ने जो गुप्त लिफाफा न्यायालय के सामने पेश किया है, उसमें 13 लोगों के नाम हैं और 13वां नाम श्रीनिवासन का है। मुद्गल समिति ने श्रीनिवासन पर 12 तरह के गम्भीर आरोप लगाए हैं।न्यायालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि श्रीनिवासन ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को गम्भीरता से नहीं लिया है नहीं तो वह अपने वकील सीए सुंदरम के माध्यम से फिर से बहाली सम्बंधी याचिता दायर नहीं करते। श्रीनिवासन ने मंगलवार को अपनी फिर से बहाली को लेकर याचिका दायर की थी। उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने बीते दिनों श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटने का आदेश देते हुए पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का आदेश पारित किया था। अदालत का कहना था कि श्रीनिवासन के अध्यक्ष बने रहते हुए आईपीएल सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।


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