दुनिया में आर्थिक मंदी के छंटने के साथ उम्मीद थी कि दूसरी कारोबारी कंपनियों की तरह भारत एल्युमिनियम कंपनी भी अपनी परियोजनाओं का विस्तार कर राज्य के साथ क्षेत्रीय आर्थिक विकास में आगे कदम बढ़ाएगी, लेकिन ऐसा होता हुआ दिखाई दे नहीं रहा है। उसकी कई ठेका कंपनियां काम छोड़कर जा चुकी है और इन कंपनियों में नियोजित सैकड़ों बेकार कामगारों को रोजगार के लिए कंपनी के खिलाफ आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ रहा है। बाल्को चिमनी हादसे के बाद से कंपनी में विवादों का जो सिलसिला शुरु हुआ है, वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। कंपनी के कर्मचारियों में भी असंतोष बढ़ता जा रहा है। चाहे मामला पीएफ के भुगतान का हो या सालाना बोनस का, कर्मचारियों का असंतोष समय-समय पर सामने आता रहा है। बालको के विनिवेश के बाद कंपनी में एक नई कार्य संस्कृति विकसित की गई थी और विनिवेश की खिलाफत करने वाले भी इस संस्कृति में रम गए थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कंपनी का कामकाज उनके लिए भी बहुत उत्साहजनक नहीं रहा। इस बीच कंपनी अपनी नई परियोजनाएं भी शुरु नहीं कर पाई। सरगुजा जिले के मैनपाट में बाक्साइट खदानों की नई लीज की मंजूरी नहीं मिलने से वहां की कारोबारी गतिविधियां भी लम्बे समय से बंद पड़ी हुई हैं। इधर उसकी 1200 मेगावाट पावर परियोजना का काम भी अधर में लटका हुआ है। रायगढ़ में कंपनी को आवंटित ब्लाक भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोल ब्लाकों का आवंटन रद्द कर देने के फैसले से प्रभावित हो गया है। ऐसे में नई परियोजनाएं शुरु करने के कंपनी के उत्साह का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस स्थिति से कंपनी के कामगारों को प्रभावित होना स्वाभाविक है। पुराने ठेका कंपनियों के काम से अलग होने से बेकार हुए कामगारों का प्रदर्शन भी निराशाजनक स्थिति का ही परिचायक है। यदि इन कामगारों को फिर से काम पर ले लिए जाने की आस बंधी होती तो शायद आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने की जरुरत नहीं पड़ती। सामने दिवाली का त्यौहार है और कामगारों के बोनस पर भी कोई फैसला नहीं कर पाई है। मोदी सरकार के आने के बाद विशेषकर कारपोरेट सेक्टर में जब उत्साह का माहौल देखा जा रहा है तब बालको जैसी कंपनी में अपनी नई परियोजनाओं के मामले में सुस्ती से क्षेत्रीय हितों की आशाएं भी धूमिल हो रही हैं। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि उसकी नई परियोजनाएं जल्द प्रारंभ होंगी और रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने ठेका कंपनी के बेकार कामगारों को भी जल्द ही काम में ले लिए जाने का भरोसा दिलाया है। उम्मीद है कि कंपनी की कारोबारी गतिविधियां जल्दी ही पटरी पर लौट आएंगी और वह अपनी प्रतिष्ठïा के अनुरुप प्रदर्शन करने में सफल होगी।