• मुजफ्फरनगर में फिर भड़की हिंसा ,4 की मौत

    उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बीते महीने भड़की हिंसा के बाद हालात पूरी तरह सामान्य भी नहीं हुए थे कि बुधवार देर रात एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। ताजा घटना में चार लोगों की मौत हो गई और जिले में तनाव व्याप्त है।...

    मुजफ्फरनगर/ लखनऊ !   उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बीते महीने भड़की हिंसा के बाद हालात पूरी तरह सामान्य भी नहीं हुए थे कि बुधवार देर रात एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। ताजा घटना में चार लोगों की मौत हो गई और जिले में तनाव व्याप्त है। मुजफ्फरनगर में हुई ताजा हिंसा की घटना के बाद पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। तनावग्रस्त इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। उधर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।जिले के भौराकला थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर रायसिंह निवासी राजेंद्र अपने खेत में काम कर रहे थे तभी पड़ोस के हुसैनपुर गांव के 10 से अधिक लोगों ने उन पर हमला कर दिया। राजेंद्र ने भागकर गांववालों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद लाठी डंडे लेकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने तीन हमलावरों को पीट-पीटकर मार डाला।घटना के करीब एक घंटे बाद फुगाना इलाके में नकाबपोश बदमाशों ने मोटरसाइकिल सवार दंपति पर हमला कर पत्नी की गोली मार कर हत्या कर दी जबकि पति बुरी तरह से घायल हो गया। दोनों घटनाओं के बाद स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर हंगामा किया।मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरि नारायण सिंह ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि मोहम्मदपुर रायसिंह गांव में विवाद के बाद संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई। इस संबंध में कुल 16 लोगों को नामजद किया गया है और अब तक आठ लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं फुगाना की घटना के संबंध में मामला दर्ज कर हमलावरों की तलाश की जा रही है।सिंह ने बताया कि दोनों इलाकों में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और त्वरित कार्य बल (आरएएफ) की छह कंपनियों के साथ पड़ोस के जिलों से बुलाए गए पुलिस बलों को तैनात किया गया है। स्थिति पूरी तरह से काबू में है। पुलिसकर्मी तनावग्रस्त इलाकों में गश्त कर कर रहे हैं।प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) मुकुल गोयल ने मुजफ्फरनगर में हुई ताजा हिंसा पर गुरुवार को कहा कि अभी भी वहां के लोगों में पिछले महीने हुई हिंसा को लेकर आपसी मनमुटाव बरकरार है।गोयल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "विगत सात सितंबर को भड़की हिंसा की आग अभी पूरी तरह ठंडी नहीं हुई है। लोगों के मन में अभी भी मनमुटाव है। जिस मोहम्मदपुर रायसिंह गांव में बुधवार रात हिंसा हुई, वहां पर बीते सात सितंबर को भी हिंसा हुई थी। हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे थे कि फिर से यह घटना सामने आ गई।"राज्य के पुलिस महानिदेशक देवराज नागर और पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) राज कुमार विश्वकर्मा मुजफ्फरनगर में डेरा डाले हुए हैं।नागर ने संवाददाताओं से कहा कि ये घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती है। किसी को कानून से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कन्नौज में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मुजफ्फरनगर घटना पर हमारी पैनी नजर है। पुलिस महानिदेशक मुजफ्फरनगर में डेरा डालकर हालात की निगरानी कर रहे हैं। दोषी किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे।यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव करीब है इसलिए कुछ ताकतें इन घटनाओं से लाभ लेना चाहती हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार किसी भी हाल में सांप्रदायिकता को बर्दाश्त नहीं करेगी।उधर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुजफ्फरनगर में हुई ताजा हिंसा की घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि जो लोग आपस में अलगाव पैदा करने और वैमनस्य फैलाने की कोशिशों में लगे हैं उन्हें अपने मंसूबों में सफल नहीं होने दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों से ज्यादा शक्ति सरकार में होती है। सपा सरकार ऐसी ताकतों से सख्ती से निपटेगी। किसी पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।विपक्षी दलों ने ताजा हिंसा के लिए सपा की सरकार को अक्षम करार देते हुए कहा कि पिछली घटना के बाद अभी तक हालात सुधरे नहीं हैं। कानून व्यवस्था बहाल न कर पाना राज्य सरकार की नाकामी को दिखाता है।गौरतलब है कि विगत 7 सितंबर को मुजफ्फरनगर और आस-पास के जिलों में भड़की हिंसा में 62 लोगों की मौत हुई थी।

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