• लापता लड़की मुद्दे पर बिहार पुलिस प्रमुख को सम्मन

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार के पुलिस प्रमुख को सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है। आयोग ने पिछले वर्ष 18 सितंबर से लापता एक नाबालिग लड़की के बारे में रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन राज्य पुलिस रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी।...

    पटना | राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार के पुलिस प्रमुख को सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है। आयोग ने पिछले वर्ष 18 सितंबर से लापता एक नाबालिग लड़की के बारे में रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन राज्य पुलिस रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी।एनएचआरसी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद को नई दिल्ली स्थित आयोग के कार्यालय में 3 मई को हाजिर होने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा है, "पर्याप्त समय और अवसर दिए जाने के बावजूद मांगी गई रिपोर्ट नहीं मिली है। इस परिस्थिति में बिहार के पुलिस महानिदेशक रिपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष हाजिर हों।" ज्ञात हो कि राज्य के मुजफ्फरपुर जिले में 18 सितंबर को 13 वर्ष की एक लड़की का उसके घर से अपहरण कर लिया गया। इस मामले में राज्य पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पिछले वर्ष अक्टूबर में दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून के छात्र अभिषेक रंजन ने एनएचआरसी से शिकायत की और आयोग ने उस पर बिहार पुलिस को 6 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। राज्य के गृह विभाग के मुताबिक बिहार पुलिस को दो-दो ताकीद जारी करने के बावजूद आयोग को इस घटना के बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया। इस साल के शुरू में मामले की जांच बिहार पुलिस की अपराध अनुसंधान शाखा (सीआईडी) को जांच सौंप दी गई। लड़की के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी का भू माफियाओं ने अपहरण कर लिया है, क्योंकि उन्होंने एक कीमती जमीन का टुकड़ा बेचने से इनकार कर दिया था। चक्रवर्ती के घर के समीप नाले से एक कंकाल पाया गया था, लेकिन अदालती आदेश के बावजूद चक्रवर्ती दंपति ने डीएनए जांच के लिए रक्त का नमूना देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह कंकाल उनकी बेटी का नहीं है।


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