• नदी और गटर के पानी को अलग करना होगा : राजेंद्र सिंह

    | रेमन मैग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने कहा है कि आज जरूरत इस बात की है कि नदी (रिवर) और गटर (सीवर) के पानी को अलग किया जाए।...

    भोपाल !   रेमन मैग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने कहा है कि आज जरूरत इस बात की है कि नदी (रिवर) और गटर (सीवर) के पानी को अलग किया जाए। इसके साथ ही जल जोड़ो अभियान को गति देना होगी। वेल्ट हंगर हिल्फे एवं परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा जल सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन के ऊपर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन बुधवार को सिंह ने कहा कि तालाबों के संरक्षण में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन के लिए समुदाय को आगे आना चाहिए तभी समुदाय के अधिकारों का अनुपालन होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को वर्षा जल से मित्रता करनी होगी। पानी का कारोबार दुनिया का सबसे फायदे का कारोबार है। इस व्यापार की साजिश को समझना होगा। रिवर और सीवर को अलग करने की आवयकता है, जल जोड़ों अभियान को गति प्रदान करने हेतु गांव को साथ में खड़ा करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार एक ही डंडे से सभी को छकाना चाहती है। यदि तालाबों को बचाना है तो सामुदायिक अभियान चलाना होगा तथा नवयुवकों को इससे जोड़कर संसाधनों को चिन्हित करने की आवश्यकता है। मनरेगा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से तालाबों को लाभ कम नुकसान ज्यादा हुआ है। राजीव गांधी वाटरशेड मिशन के डॉयरेक्टर अरुण कुमार ने कहा कि जल जीवन के निर्माण से लेकर संचालन में आवश्यक है कि हमें स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के लिए नीतियों में बदलाव लाना होगा। भारत सरकार के राष्ट्रीय पेयजल सुरक्षा मिशन के नोडल अधिकारी सुधीन्द्र मोहन शर्मा ने कहा कि पेयजल सुरक्षा का वास्तविक अर्थ 'सभी लोगों को हर समय अवश्यकता के लिए सुविधानुसार जल उपलब्धता है'। एम. एस. वाणी ने जल के कानूनी पहलू पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान कानून डेढ़-दो सौ वर्ष पुराना है जबकि बुन्देलखड में तालाबों की परम्परा हजारों वर्ष पुरानी है। अत: हमें इनके संचालन व प्रबन्धन के पारम्परिक तरीकों को अपनाना होगा। मध्य प्रदेश सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति के आयुक्त कमिश्नर उमाकान्त उमराव ने देवास जिले में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि तालाबों के बचाने की मुहिम को सतत् बनाए रखने के लिए इसे लाभ से जोड़ने की जरुरत है। मुख्य वन संरक्षक आनंद कुमार धान फांउडेशन के सदाशिव राव ने अने अनुभव साझा किए। इस कार्याशाला में सात राज्यों के 40 से अधिक प्रतिनिधि अपने अनुभवों को साझा करेंगे और बुन्देलखड में तालाबों के संरक्षण और संबर्ध की रणनीति तय करेंगे।

अपनी राय दें