भिलाईनगर ! नेलसन कलागृह ने सामाजि व साहित्यिक क्षेत्र के बाद कला के क्षेत्र में भी सम्मान समारोह की शुरूआत की है। इस क्षेत्र का पहला कलाश्री सम्मान 2009 पंडवानी गायिका श्रीमती रितु वर्मा को दिया गया। सम्मान में शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र व 1100 रूपए की नगद राशि नेलसन द्वारा प्रदान की गई। कलागृह द्वारा समाज क्षेत्र में मदर टेरेसा सम्मान के साथ 5100 रूपए की नगद राशि व साहित्य क्षेत्र में मुंशी प्रेमचंद सम्मान के साथ 11 हजार रूपए की नगद राशि कलागृह द्वारा हर वर्ष प्रदान की जाती है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अहिवारा के विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा थे। नेलसन कलागृह सेक्टर-1 भिलाई में कलाश्री सम्मान समारोह संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि श्री कोर्सेवाड़ा ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी विशेषता के कारण देश में आज अव्वल राज्य के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने जो पाया है वह समाज में लौटा रहे हैं। समाज इसी तरह यश पाता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. परदेशी राम वर्मा ने कहा कि पंडवानी की दो शैलियां हैं। एक कायालिक शैली और दूसरी वेदमती। दोनों शैलियों के कलाकार आज सम्मानित हुए हैं। पद्मभूषण तीजन बाई, पद्मश्री पूनाराम निषाद और रितु वर्मा को यह सम्मान मिला। यह विशेषता है हमारे प्रदेश की। कलाकार स्वयं पैदा होता है। नेलसन, तीजन बाई जैसे कलाकार मुइफोर हैं वे धरती की देन हैं। विशेष अतिथि रवि श्रीवास्तव ने साक्षरता अभियान के दिनों में रितु वर्मा के योगदान और प्रस्तुति के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि छुटपन से रितु का गुण हमें दिख रहा था। गांव से निकलकर ही हम सब आगे बढ़ें हैं। यह गांव का सम्मान है। सुश्री अमृता बारले ने भरथरी गायन प्रस्तुत कर रितु वर्मा को आशीर्वाद दिया। जेएम नेलसन ने कहा कि कला एवं साहित्य की बिरादरी ही मेरा अपना परिवार है। मैं वहीं से रस और सुख पाता हूं। अपनी बिरादरी के सुख-दुख को अपने ढंग से प्रस्तुत करता हूं। रितु वर्मा ने बिसमिल्ला खां सम्मान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है। वह मेरी बेटी के समान है। यह सम्मान उसके लिए आशीर्वाद है। वह आगे बढ़े। सभी सम्मानित होकर प्रदेश, देश का नाम रोशन करें यही मेरी कामना है। आप सब कलाकार ही नेलसन कलागृह की असली ताकत है। कार्यक्रम में अतिथियों का सम्मान किया गया। डी.एस नवरंगे, प्रशांत कानस्कर, प्रदीप भट्टाचार्य, व्यंकटेश, नरेश विश्वकर्मा, नीलेश चौबे, अमृता बारले, अनिल मास्टर विशेष रूप से उपस्थित थे। संचालन डा.आरएस बारले ने किया। आभार प्रदर्शन प्रशांत कानस्कर ने किया।