• नेताजी की रहस्यमय मौत पर एक और सनसनीखेज खुलासा

    नेताजी सुभाषचंद्र बोस की रहस्यम मृत्यु पर एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए रूस मे रामकृष्ण मिशन के प्रमुख मंहत ने कहा है कि नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में नही बल्कि रूस की एक जेल मे हुयी थी। ...

      कोलकाता !   नेताजी सुभाषचंद्र बोस की रहस्यम मृत्यु पर एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए रूस मे  रामकृष्ण मिशन के प्रमुख मंहत ने कहा है कि नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में नही बल्कि  रूस की एक जेल मे हुयी थी।      रूस मे पिछले दो दशक  से रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष रहे ज्योतिरानंद ने अपनी हाल की असम यात्रा के दौरान एक टेलीविजन साक्षात्कार मे यह बात कही।उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह दावा गलत है कि  नेताजी 18 अगस्त 1945 को ताईवान में ताईहोकू हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना मे मारे गए थे।      उन्होने कहा कि सच्चाई यह है कि उन्हे रूसियों ने पकड लिया था और ओमस्क की जेल मे कैद कर दिया था जहां काफी समय बाद उन्होंने अंतिम सांस ली थी।ओमस्क रूस के हिमआच्छादित साइबेरिया क्षेत्र का एक छोटा शहर है।उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि नेताजी ने इसी जेल मे अपनी अंतिम सांस ली होगी।      मास्को मे रामकृष्ण मिशन की सचिव सुश्री लिलियाना मालकोवा ने श्री ज्योतिरानंद के इस सनसनीखेज खुलासे को सही बताया है।मंहत ने कुछ दस्तावेजों और रूस में भारत की तत्कालीन राजदूत विजय लक्ष्मी पंडित के बयान का हवाला देते हुए बताया कि जब सुश्री पंडित को नेताजी के ओमस्क जेल मे होने की खबर लगी तो वह उनसे मिलने वहां गयी थीं लेकिन रूसी अधिकारियो नें उन्हें नेताजी से नहीं मिलने दिया।श्री ज्योतिरानंद ने कहा कि सुश्री पंडित जब जेल से बाहर निकल ही रहीं थीं कि उन्होंने हूबहू नेताजी से मिलते जुलते शक्ल वाले एक कैदी को वहां देखा। वह कैदी काफी थकाहारा दिखाई पड रहा था।ऐसा लगता था कि उसे जेल में काफंी यातना दी गयी है जिससे उसका मानसिक संतुलन बिगड गया है।      मंहत ज्योतिरानंद के मुताबिक  सुश्री पंडित यह सबदेख कर बहुत व्यथित हुयी थीं और फैांरन नयी दिल्ली पहुंच कर उन्होंने इस बात की जानकारी कांग्रेस के तत्कालीन बडे नेताओं को दी थी।लेकिन इस पर कोई कार्रवायी नहीं की गयी।      इस बीच नेताजी पर शोध कर रहे एक शोधर्कता अनुज धर ने आज कोलकाता में विदेश मंत्रालय के 12 जनवरी 1996 के एक ऐसे गोपनीय दस्तावेज का हवाला दिया जिसमे मंत्रालय की ओर से रूस की मीडिया में लगातार आ रही उन खबरो पर गहरी चिंता जतायी गयी थी जिनमे कहा गया था कि नेताजी की मौत 1945 के बाद रूस की एक जेल मे हुयी थी। इस दस्तावेज पर मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव आर एल नारायणन के हस्ताक्षर है और साथ ही इसमे एक पूर्व विदेश सचिव की टिप्पणी भी संलग्न है।

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