• रायगढ़ जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल

    रायगढ़ ! छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर तो शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये नये-नये प्रयोग करते हुए वहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिये बड़े-बड़े दावे करती है ...

    रायगढ़ जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल

    सालभर बाद भी नहीं हुई सीएसआर शिक्षकों की नियुक्ति रायगढ़ !   छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर तो शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये नये-नये प्रयोग करते हुए वहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिये बड़े-बड़े दावे करती है और वहां की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बताकर लाखों रूपये खर्च करके व्याख्यता एवं शिक्षा कर्मी की नियुक्ति पर भी हर साल परीक्षाएं आयोजित करता है, लेकिन हकीकत में ये दावे कितने खोखले हंै यह रायगढ़ जिले में देखने को मिल रहा है जहां सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते बच्चे पढ़ाई छोडक़र खेलते कूदते नजर आते है तो कहीं पूरा साल बीतने के बाद भी सीएसआर शिक्षकों की नियुक्ति तक नही हो पाई है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था आज भी बदहाल है और यहां के बच्चे शिक्षकों के नही आने से खेलते कूदते नजर आते है और कुछ स्कूलों में तो ताले लटके नजर आते है, पढाई व्यवस्था नही होनें के चलते लगातार शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का स्तर न केवल गिर रहा है बल्कि स्कूल आने वाले बच्चे भी शासन की अनदेखी के चलते अपना भविष्य अधर में लटका पाते है। हमारे संवाददाता ने शहर सहित ग्रामीण इलाकों में दौरा करके पाया कि कैसे सरकारी स्कूलों में तो वर्षो से शिक्षकों को एवं व्याख्याताओं के पद खाली पडे है और इनको भरने की पहल तो केवल कागजों में सीमित रह गई। हमारे इस दावे को शिक्षा विभाग के अधिकारी आर.एन. हलधर भी मुहर लगाते है और उन्होंने ने भी माना कि वर्तमान में रायगढ़ जिले के आदिवासी तथा अन्य सरकारी स्कूलों में बडे पैमाने पर पद रिक्त हैं। उनकी मानें तो रायगढ़ जिले में स्वीकृत पद 411 हैं जिनमें से मात्र 27 व्याख्याता कार्यरत है वहीं शहरी क्षेत्रों में 144 पद स्वीकृत है जिनमें मात्र 87 व्याख्याता कार्यरत है। हायर सेकेण्डरी स्तर पर 1003 पदों में से 98 कार्यरत है और पंचायत स्तर में 418 पद स्वीकृत होने के बावजूद भी 259 पद आज भी रिक्त पड़े हैं। सरकारी स्तर पर व्याख्याताओं एवं शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति समय पर नही होनें के चलते रायगढ़ जिले के उद्योगों द्वारा हर साल 590 शिक्षकों की नियुक्ति सीएसआर फंड से की जाती रही थी लेकिन इस साल जिला कलेक्टर से लेकर शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही के चलते ये नियुक्ति भी नहीं हो पाई है। जबकि दो माह बाद वार्षिक परीक्षाएं सरकारी स्कूलों में शुरू हो जाएगी और ऐसे में सीएसआर तक के शिक्षक स्कूल में नही नियुक्त हुए तो शिक्षा का स्तर किस कदर गिरेगा इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है। जिले के शिक्षा  अधिकारी आर.एन.हलधर  इस मामले में भी बडी असानी से यह मान रहें है कि जिले में सीएसआर शिक्षकों की मात्र 300 नियुक्तियां हो पाई है और 200 पदों पर कोई नियुक्ति नही हो पाई है। ये नियुक्ति क्यों नही हो पाई इसका जवाब उनके पास नही है।  बहरहाल स्कूल चलो अभियान के नारे हर साल छत्तीसगढ़ सरकार सहित केन्द्र सरकार अखबारों के साथ-साथ टीवी पर दिखाकर लोगों को यह जताने की कोशिश की जाती है कि शिक्षा का स्तर बढाने के लिये सरकारे कितनी गंभीर लेकिन हकीकत में यह दावे आज भी खोखले ही नजर आते है।


अपनी राय दें