पैसे नहीं देने पर दिया घटना को अंजाम
कोरबा ! लगभग दो माह पूर्व 8 अक्टूबर को दर्री क्षेत्र के एक मकान में अकेले रह रही महिला की जली हुई लाश बरामद की गई थी जबकि उक्त मकान का दरवाजा बाहर से बंद था। मामले को प्रथम दृष्टया संदेहास्पद मानकर व हत्या की आंशका के आधार पर पुलिस ने जांच प्रारंभ की थी।
जानकारी के अनुसार दर्री थाना अंतर्गत फर्टीलाइजर बस्ती में त्रिवेणी कश्यप नामक महिला अकेले निवास करती थी। 8 अक्टूबर की सुबह लोगों को उसके मकान से जलने की तेज दुर्गंध महसूस हुई। मकान का दरवाजा भी लोगों को बाहर से बंद मिला। किसी अनहोनी की आशंका पर भीतर झांककर देखने पर पता चला कि त्रिवेणी कश्यप जली हुई हालत में पड़ी थी। उसकी प्लास्टिक के नेवाड़ वाली खाट पूरी तरह से जली हुई और त्रिवेणी बाई का जला हुआ शरीर खाट के नीचे था। घटना की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आवश्यक कार्यवाही बाद दरवाजे को तुड़वाया और मौका मुआयना करते हुए मर्ग पंचनामा व शव पोस्टमार्टम बाद मामाले की विवेचना प्रारंभ की थी। जांच के दौरान पाया गया कि त्रिवेणी कश्यप की हत्या कर उसके शव को जला दिया गया होगा साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद खुलासा हुआ कि त्रिवेणी कश्यप की मृत्यु 3 दिन पहले ही हो गई थी साथ ही उसके सिर पर लोहे की किसी भारी वस्तु से वार के निशान पाये गये, महिला के कमरे की तलाशी के दौरान मृतिका के जेवरात भी गायब मिले थे। मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने मृतिका त्रिवेणी के पति सातेराम कश्यप जो पेडरी थाना हसौद जिला जांजगीर में निवास करता था उससे पूछताछ की गई, लेकिन वह गोल-मोल जवाब देता रहा। उसके मुताबिक घटना दिनांक को वह फर्टीलाईजर बस्ती नहीं बल्कि अपने निवास स्थान पेंडरी हसौद में था। पुलिस ने सायबर सेल के माध्यम से सातेराम के मोबाईल की लोकेशन खंगाली तो जानकारी हुई कि सातेराम 6 अक्टूबर को अपने पेन्डरी में नहीं रहना पाया गया। पुलिस ने शक व सातेराम के मोबाईल लोकेशन के आधार पर उसे दोबारा पकडक़र कड़ी पूछताछ की। कड़ी पूछताछ में वह टूट गया और उसने अपनी पत्नी त्रिवेणी कश्यप की हत्या करना स्वीकार कर लिया।
दूसरी पत्नी थी
पत्नी के हत्यारे पति सातेराम कश्यप पिता अभारू कश्यप 55 वर्ष ने बताया कि मृतिका त्रिवेणी बाई उसके पहली पत्नी थी जिसके साथ वह दर्री फर्टीलाइजर बस्ती में रहता था और रोजी मजदूरी का काम करता था। विवाह के 10 वर्ष बाद भी दोनों की कोई संतान नहीं थी।
इसके बाद उसने सरस्वती बाई से दूसरा विवाह किया जो 2 माह उसके साथ रही और अपने मायके चली गई जिसके बाद से वह वापस नहीं आईं। इसके बाद सातेराम ने 4 वर्ष बाद रामेश्वरी कश्यप से चूडिय़ाही विवाह किया और ग्राम पेंडरी में रहकर उसके साथ खेती किसानी कर वहीं उसके साथ रहने लगा।
कबूल किया जुर्म
सातेराम ने बताया कि उसकी पहली पत्नी मृतिका त्रिवेणी कश्यप श्यामबली ठेकेदार के पास मजदूरी का काम करती थी और पत्नी से मिलने वह माह के एक-दो बार फर्टीलाइजर बस्ती आया करता था। घटना दिनाक 6 अक्टूबर को भी वह फर्टीलाइजर बस्ती त्रिवेणी के घर पहुंचा। वहां दोनों से शराब पी और रात्रि में उसने त्रिवेणी से खेत में दवा छिडक़ाव के लिए रूपये की मांग की रूपये नहीं देने पर सातेराम त्रिवेणी से विवाद करने लगा और उससे मारपीट करते हुए उसके दीवार किनारे रखे साइकिल में हवा भरने वाले लोहे के पम्प से उसके सिर पर वार कर दिया जिससे त्रिवेणी की मौत हो गई। सातेराम ने त्रिवेणी के पहने हुए गहने और घर में रखे सोने-चांदी के गहनों को अपने पास रख लिया और त्रिवेणी के शव का खाट पर रखकर उसके उपर कंबल व मिट्टी तेल छिडक़कर आग लगा दी औ वहां से फरार हो गया और तडक़े अपने घर पेंडरी पहुंच गया। उसने ग्राम पेंडरी के मरघट में घटना के वक्त पहने गये कपड़ों को जलाने की भी बात कही। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने सातेराम से 8 नग सोने का पीपल पत्ता, चांदी की पायल व जेवरातों को बरामद कर आरोपी के खिलाफ दर्री थाना में अपराध क्रमांक 127/16 धारा 302, 201 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया गया। महिला की हत्या की गुत्थी सुलझाने व मामले की जांच में लगी सीआईटी व दर्री थाना के स्टाफ की टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा पुलिस अधीक्षक डी श्रवण ने की है।