• वेज रिवीजन पर हड़ताल, श्रमिक नेता समेत 6 निलंबित

    कोरबा ! बालको कर्मियों के वेज रिवीजन को लेकर आयोजित बैठक विफल होने के बाद श्रमिक संगठन हड़ताल पर चले गए हैं। ...

    वेज रिवीजन पर हड़ताल, श्रमिक नेता समेत 6 निलंबित

    समझौता बैठक में वार्ता विफल होने के बाद आंदोलन कोरबा !   बालको कर्मियों के वेज रिवीजन को लेकर आयोजित बैठक विफल होने के बाद श्रमिक संगठन हड़ताल पर चले गए हैं। प्रबंधन ने कड़ा रूख दिखाते हुए मंगलवार को सीटू के महासचिव एसएन बनर्जी समेत 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। हड़ताल से प्लांट का कामकाज प्रभावित हुआ है। आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। बालको में वेतन समझौता को लेकर प्रबंधन ने श्रमिक संगठनों की बैठक बुलाई थी। प्रबंधन ने बेसिक व डीए का 24.5 व वािर्षक इंक्रीमेंट 3 फीसदी का प्रस्ताव रखा। यूिनयन नेताओं ने 26 व 4 फीसदी तब बढ़ाने की बात कही। काफी चर्चा के बाद भी निर्णय नहीं हुआ। इससे नाराज होकर बालको कर्मचारी नाईट शिफ्ट से ही हड़ताल पर चले गए। प्रबंधन ने श्रमिक नेताओं को मनाने का प्रयास भी किया, लेकिन बात नहीं बनी। आंदोलन को देखते हुए प्रबंधन ने भी कड़ा रूख अपनाया है। मंगलवार को सीटू के महासचिव एसएन बनर्जी, बालको कर्मचारी एकता मंच के सुंदर चौधरी, पवन शर्मा,  अमित पटेल, योगेश साहू व अंकेश्वर को निलंबित कर दिया। बालको के एल्युमिनियम प्रचालन प्रमुख दीपक प्रसाद ने प्रबंधन की ओर से जारी पत्र में निलंबित एसएन बनर्जी समेत अन्य पांच कर्मचारियों द्वारा असंवैधानिक हड़ताल कराने आरोप लगाते हुए कहा है कि श्री बनर्जी व निलंबित अन्य पांच ने श्रमिकों को काम बंद हड़ताल के लिए उकसाया है। जिसके फलस्वरूप औद्योगिक शांति भंग हुई है और प्रबंधन को आर्थित क्षति पहुंची है। इस संबंध में स्पष्टीकरण देने व अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए अगली सूचना तक तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की बात कही गई है। उक्त निलंबन की कार्यवाही से आक्रोशित कर्मचारी व श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी धरना प्रदर्शन करते रहे। उनका कहना है कि आंदोलन को दबाने के लए प्रबंधन ने यह कार्रवाई की है।  इस कार्रवाई के बाद श्रमिक संगठनों ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। वेज रिवीजन अप्रैल 2014 से लंबित है। एएलसी के समक्ष प्रबंधन ने 20 फीसदी वेज देने का प्रस्ताव रखा है। इसके बाद ही प्रबंधन व श्रमिक संगठनों के बीच वेतन समझौता को लेकर दो बार बैठक हो चुकी है, लेकिन प्रबंधन की ओर से श्रमिकों के हित में कोई संतोषजनक कार्यवाही  नहीं की गई।


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