• 9 शिक्षकों के भरोसे 560 विद्यार्थी,दर्जनभर से ज्यादा पद रिक्त

    घरघोड़ा/रायगढ़ ! एक समय था जब घरघोड़ा के तत्समय के एकमात्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षा स्तर की क्षेत्र में तूती बोलती थी ।...

    9 शिक्षकों के भरोसे 560 विद्यार्थी,दर्जनभर से ज्यादा पद रिक्त

    शिक्षकों की कमी से जूझ रहा सबसे पुराना स्कूल घरघोड़ा हायर सेकेण्डरी स्कूल की दुर्दशा घरघोड़ा/रायगढ़ !   एक समय था जब घरघोड़ा के तत्समय के एकमात्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षा स्तर की क्षेत्र में तूती बोलती थी । 1958 से शुरू हुए इस विद्यालय में घरघोड़ा की कई पीढिय़ों ने शिक्षा प्राप्त की है और वर्तमान पीढ़ी कर रही है परन्तु पहले के समय और आज के समय में बड़ा अंतर दिखाई पड़ता है । पहले विद्यालय में सभी विषयो के शिक्षक हुआ करते थे जो पूरी निष्ठा से अपने विषय का अध्यापन कार्य किया करते थे ।पर शनै शनै बदलते वक्त के साथ आज ऐसा समय आ गया है की घरघोड़ा के सबसे पुराने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बहुत से विषयो के शिक्षक ही नही हैं । बताया जाता है की कामर्स संकाय को केवल इसी लिए इस स्कूल में बन्द कर दिया गया क्योकि कामर्स विषय अध्यापन के लिए कोई शिक्षक ही विद्यालय में नही है । इनके अलावा रसायन शास्त्र,कृषि विज्ञान के शिक्षको की कमी से भी विद्यालय जूझ रहा है । ऐसा भी नही है की क्षेत्र में इन विषयो को पढाने वाले शिक्षक हैं ही नही लगभग सभी रिक्त विषय शिक्षको के पद के लिए योग्य शिक्षक नियुक्ति या पदोन्नति के इंतज़ार में हैं किन्तु कतिपय लोगो के स्वार्थ के कारण विद्यालय में न तो नियुक्ति हो पा रही न पदोन्नति । इसका सीधा खामिजयाना छात्र छात्राओ को भुगतना पड़ रहा जो बिना विषय शिक्षको के जैसे तैसे अपनी पढ़ाई पूरी करने जद्दोजहद कर रहे हैं । समृद्ध इतिहास, चौपट वर्तमान घरघोड़ा के इस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर चुके विभिन्न पीढिय़ों के लोगो में कई  प्रतिभाशाली छात्र आज नगर और राज्य में सम्मान जनक पदो में है ।कई कर्मचारियों के रूप में तो कई जनप्रतिनिधि व राजनितिक दलो के ऊँचे पदों पर हैं पर इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे की समृद्ध शाली इतिहास को संजोय इस विद्यालय की वर्तमान परिस्थितियों पर किसी का ध्यान नही । आज जब इस विद्यालय की शिक्षा का स्तर गिरने लगा है शिक्षको की कमी से विषय संकाय बन्द हो रहे हैं ,शिक्षा के मन्दिर में शिक्षा छोडक़र सब कुछ हो रहा है तब जरूरत है की लोग इस ओर ध्यान दे । शिक्षको की कमी के चलते पढ़ाई न होने से विद्यार्थी इधर उधर भटकते दिखते हैं और कई विद्यार्थी नशे की जकड़ में आने लगे हैं ।और कल का भविष्य यानी आज का वर्तमान अंधकार की ओर अग्रसर है जिसकी चिंता किसी को नही । छात्र संगठन,नेता भी बेपरवाह शिक्षको की कमी से पटरी से उतरती शिक्षा व्यवस्था, पदोन्नति या नियुक्ति किसी भी जरिये से शिक्षको के पद न भरने के मुद्दे पर छात्र संगठन व नेताओ की चुप्पी भी लोगो के गले नही उतर रही ।छात्र संगठन जो सदा विद्यार्थी हित का राग अलापते हैं और छोटे बड़े मुद्दों को लेकर सडक़ पर उतर कर प्रदर्शन से परहेज नही करते उनके द्वारा घरघोड़ा के सबसे पुराने उ मा वि में शिक्षको की कमी को नजर अंदाज़ करना और विषय शिक्षको की नियुक्ति की मांग तक न करना जताता है की इन्हें विद्यार्थी हितो की कितनी चिंता है । स्थानीय नेताओ की कहानी भी कुछ अलग नही है शिक्षा जैसे संवेदन शील मुद्दे पर नेताओ के आवाज़ उठाने का इंतज़ार सिसकती और दम तोड़ती घरघोड़ा की हायर सेकेण्डरी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था कर रही है । जरूरत है की शीघ्र नियुक्ति या पदोन्नति के जरिये विषय शिक्षको की कमी पूरी की जाए ताकि समृद्ध शाली शिक्षा का इतिहास समेटे उमावि घरघोड़ा वर्तमान की शिक्षा प्रणाली को भी समृद्ध बना सके ।


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