• मानदेय बढ़ाने सैकड़ों रसोइयों ने घेरा कलेक्टोरेट

    रायगढ़। मानदेय में वृद्धि, नियमितीकरण तथा कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों से रसोइयों को हटाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर शा. प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में कार्यरत जिले भर के रसोइयों ने आज शहर में विशाल रैली निकाली और नगर भ्रमण के दौरान नारेबाजी करते हुए कलेक्टे्रट पहुंचकर अपनी मांगों के समर्थन में जमकर प्रदर्शन किया।...

    मानदेय बढ़ाने सैकड़ों रसोइयों ने घेरा कलेक्टोरेट

     

    मानदेय बढ़ाने सैकड़ों रसोइयों ने घेरा कलेक्टोरेट

    रायगढ़। मानदेय में वृद्धि, नियमितीकरण तथा कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों से रसोइयों को हटाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर शा. प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में कार्यरत जिले भर के रसोइयों ने आज शहर में विशाल रैली निकाली और नगर भ्रमण के दौरान नारेबाजी करते हुए कलेक्टे्रट पहुंचकर अपनी मांगों के समर्थन में जमकर प्रदर्शन किया।

    रैली में महिलाओं की अधिक उपस्थिति रही। बाद में मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को उक्ताशय का ज्ञापन भी सौंपा गया।  केन्द्र तथा राज्य सरकार की विसंगति पूर्ण नीति तथा कर्मचारियों में भेदभाव के कारण जिले भर के प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में कार्यरत रसोईयों का गुस्सा इस कदर फूटा कि संघ के बैनर तले पूरे जिले भर से जिला मुख्यालय में इकट्ठा हुए सैकड़ो रसोईयों ने शासन प्रशासन पर मात्र 40 रूपये के रोजी पर पूरे दिन भर स्कूलों में काम लेने का आरोप लगाते हुए संघ के जिलाध्यक्ष राजू श्रीवास, उप प्रांताध्यक्ष सत्यदेव गुप्ता व प्रांताध्यक्ष  जगतराम ठाकुर के नेतृत्व में रामलीला मैदान से विशाल रैली निकाली और कलेक्टोरेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा।

    इस रैली में रायगढ़ व जशपुर जिले के रसोईये शामिल थे।  ज्ञापन में कहा गया है कि रायगढ़ जिले के समस्त शा. प्रायमरी शाला एवं पूर्व माध्यमिक शाला में सन् 1995 से कार्यरत रेसाईया श्रमिकों का इस महंगाई में केन्द्र शासन के द्वारा 1000 रू एवं राज्य शासन के द्वारा 200 रू. मिलाकर 1200 रू प्रतिमाह दिया जा रहा है और उनसे कार्य स्कूल खुलने से लेकर बंद होनें तक लिया ज रहा है।


    साथ ही मध्यान्ह भोजन पकाने के अलावा उनसे स्कूल की साफ-सफाई करवाया जाता है, रंग रोगन भी करवाया जाता है। साथ ही स्कूल में बने शौचालय को सफाई भी वही करते है इन कार्याे को देखते हुए इस महंगाई में इनके मानेदय में राज्य शासन की ओर से कार्यो को देखते हुए इस महंगाई में इनके मानदेय राज्य शासन की ओर से 2000 वृद्धि करने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि रसोईयां सन् 1995 से निरंतर कार्य करते आ रहें है इनके साथ में आदिम जाति कल्याण विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग में जो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, अंशकालीन कर्मचारी कार्य कर रहे थे उन्हें विभाग में नियमित नियुक्ति कर दी गई है।

     तो रसोईया श्रमिकां के द्वारा क्या गलती की गई है और वही नियमित होनें से वंचित हो रहें है क्योंकि मानदेय में है और सर्वाधिक कार्य कर रहें है इसलिये उन्हें विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के जो पद रिक्त है उन पदों पर शैक्षणिक कार्य योग्यता, अर्हता, रोस्टर के आधार पर नियमावली बनाकर नियुक्ति किये जाने का निर्देश देने की कृपा करेगें। आगे ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सन् 1995 से कार्यरत रसोइया श्रमिकों को जिन स्कूलों में जहां दर्ज संख्या में कमी आ रही है उन स्कूलों के रसोईया श्रमिक को निकाला जा रहा है क्योंकि वहां पर 02 या 03 बच्चों की कमी आई है। 

     

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