लखनऊ ! प्रदेश के चार करोड़ राशनकार्ड धारकों को मिट्टी के तेल की आपूर्ति में हो रही परेशानी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मिट्टी के तेल के आवंटन में वृद्धि करने का अनुरोध किया है। राज्य के कुल त्रैमासिक आवंटन को 600936 किलोलीटर किए जाने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि भारत सरकार द्वारा पिछले तीन त्रैमासों में मिट्टी के तेल के आवंटन में लगातार कटौती की गई है। यादव ने अपने पत्र में इस संबंध में प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री कमाल अख्तर द्वारा केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बीते 27 अप्रैल को भेजे गए पत्र के साथ-साथ स्वयं द्वारा प्रधानमंत्री को 17 जून को प्रेषित किए गए पत्र का भी उल्लेख किया है, जिसके माध्यम से प्रदेश में आवश्यकता के अनुरूप मिट्टी के तेल के आवंटन में वृद्धि किए जाने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि अभी तक भारत सरकार द्वारा इस क्रम में कोई विचार न करते हुए, पिछले तीन त्रैमासों में मिट्टी के तेल के आवंटन में लगातार कटौती की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बीपीएल, अन्त्योदय एवं एपीएल को शामिल करते हुए लगभग 4 करोड़ राशन कार्ड धारक हैं। राशन कार्ड धारकों को पीडीएस के तहत प्रतिमाह मिट्टी के तेल का वितरण कराया जाता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के प्रथम त्रैमास में प्रदेश को लगभग 20 हजार केएल, द्वितीय त्रैमास में लगभग 19 हजार किलोलीटर एवं तृतीय त्रैमास में लगभग 01 लाख 28 हजार 28 किलोलीटर मिट्टी के तेल का आवंटन कम प्राप्त हुआ है। प्रति राशन कार्ड धारक को लगभग 5 लीटर मिट्टी के तेल के आवंटन के आधार पर प्रदेश में हर महीने लगभग 02 लाख केएल मिट्टी के तेल की न्यूनतम आवश्यकता रहती है। इस प्रकार प्रदेश के कार्ड धारकों की न्यूनतम आवश्यकता के सापेक्ष प्रदेश के मिट्टी के तेल के आवंटन में अब तक लगभग 01 लाख 67 हजार केएल की कमी की गई है।
यादव ने कहा कि प्रदेश की लगभग 78 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में निवास करती है। राज्य में हरे वृक्षों की कटाई प्रतिबंधित होने के कारण भोजन पकाने के लिए लकड़ी की उपलब्धता बहुत ही कम हो गई है। प्रदेश में एलपीजी गैस कनेक्शन धारकों की संख्या भी बहुत ही कम है। अत: प्रदेश की ग्रामीण आबादी द्वारा प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ भोजन पकाने के लिए ईंधन के रूप में मिट्टी के तेल इस्तेमाल किया जाता है।