• निगम को कम दर दी जाएं बिजली: महापौर

    रायपुर। महापौर प्रमोद दुबे ने आज छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के सचिव से मुलाकात कर नगर निगम से विद्युत विभाग द्वारा वसूले जा रहे बिजली दरों पर अपना विरोध जताया। ...

    निगम को कम दर दी जाएं बिजली: महापौर

     

    निगम को कम दर दी जाएं बिजली: महापौर

    रायपुर। महापौर प्रमोद दुबे ने आज छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के सचिव से मुलाकात कर नगर निगम से विद्युत विभाग द्वारा वसूले जा रहे बिजली दरों पर अपना विरोध जताया। उन्होंने सचिव को अवगत कराया कि नगर निगम जनहित का कार्य करती है। इसलिए विद्युत विभाग द्वारा अध्यधिक दरों पर बिजली दरें वसूला जाना सर्वथा अनुचित है। 

    महापौर दुबे ने मुलाकात के दौरान नियामक आयोग के सचिव से कंडिकावार 17 मुद्दों पर चर्चा की। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा टेरिफ शेड्युल 2014-15 के कंडिका 10 अनुसार उक्त राशि को एडिशनल चार्जेस के रूप में जोड़कर फिर से वसूलने का प्रावधान किया गया है जो कि नगर निगम के हितो पर कुठाराघात है। अत: इस कंडिका को खत्म किया जाना उचित है।


    उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम आवश्यकतानुसार विद्युत विभाग को उपकेन्द्र हेतु जमीन बिना शुल्क के देती है। जनहित के कार्य में विद्युत प्रभार अत्यधिक होने के कारण से विद्युत देयकों को भुगतान कर पाना संभव नहीं हो पाता। अत: इसे कम से कम किया जाना चाहिए। ईडब्ल्यूएस कालोनी में अत्यंत गरीब परिवारों को बसाया जाता है। इन जगहो पर 4600 रुपए प्रति किलो वाट की दर से सिस्टम स्टे्रन्थिंग चार्जिंग के नाम से नगर निगम से लाखों रुपए वसूला जाता है, जो कि गलत है।

    महापौर ने यह भी कहा कि प्राय: बिजली विभाग द्वारा भुगतान की अंतिम तारीख से 3-4 दिनों पूर्व ही विद्युत देयको को नगर निगम में भेजा जाता है। जो कि निगम कार्यालय में 20 दिन पूर्व प्राप्त हो जाना चाहिए। सड़क बत्ती व जल कार्य के विद्युत देयकों में सुरक्षा निधि एवं अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि नहीं ली जानी चाहिए।

    सुलभ शौचालय जिसे जनसुविधा के लिए बनाया जाता है एवं नाम मात्र की राशि ली जाती है, के विद्युत देयक मार्ग में प्रकाश व्यवस्था एवं जलकार्य के देयको के अनुरूप होना चाहिए। विद्युत विभाग द्वारा मार्ग में लगे एल्टी खंभो में केबल एवं 20 वायर ले जाने हेतु संबंधित कंपनी से हर वर्ष खंभो के हिसाब से राषि वसूल की जाती है जो कि नगर निगम को भी मिलनी चाहिए। 

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