• झारखंड में पुलिस की गोलीबारी में 1 मरा

    रांची ! झारखंड में यहां शनिवार को पुलिस व जनजाति समुदाय के लोगों के बीच झड़प में जनजाति समुदाय के एक व्यक्ति की मौत हो गई...

    झारखंड में पुलिस की गोलीबारी में 1 मरा

    रांची !   झारखंड में यहां शनिवार को पुलिस व जनजाति समुदाय के लोगों के बीच झड़प में जनजाति समुदाय के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। पीड़ित राज्य में दो भूमि कानूनों में संशोधन के खिलाफ एक रैली में शामिल होने जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक, खूंटी जिले में जनजाति समुदाय के लोगों ने पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था, जिसके बाद उन्हें छुड़ाने के लिए और अधिक पुलिसकर्मियों को भेजा गया था। रघुबर दास के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा दो भूमि कानूनों में संशोधन के फैसले के खिलाफ आदिवासी संघर्ष मोर्चा (एएसएम) ने रांची में शनिवार को आक्रोश रैली का आह्वान किया था। झारखंड सरकार ने छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम तथा संथाल परगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम में संशोधन के लिए जुलाई में एक अध्यादेश लाया था। राष्ट्रपति से जब अध्यादेश को मंजूरी मिल जाएगी, तो अधिग्रहित जमीनों का इस्तेमाल सड़कों का निर्माण तथा विद्युत परियोजनाओं जैसे गैर कृषि उद्देश्यों के लिए हो सकता है। जनजातियों के भूमि अधिकार की सुरक्षा के लिए दोनों ही कानूनों को ब्रिटिश काल में बनाया गया था। एएसएम के संयोजक कर्मा उरांव ने लोगों को रैली में शामिल होने से रोकने के लिए सरकार पर दमनकारी उपाय अपनाने का आरोप लगाया है। उरांव ने कहा, "रैली के लिए बसों की बुकिंग को रद्द की गईं। लोगों को रांची पहुंचने से रोका गया। सरकार जनजाति समुदाय के लोगों की भावनाओं से खेल रही है। विरोध व रैली करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार को छीना गया।" रैली को विफल करने के लिए पुलिस द्वारा किए गए भारी बंदोबस्त के बावजूद जनजाति समुदाय के हजारों लोगों ने रैली में हिस्सा लिया। लोग हाथों में बैनर पर पोस्टर लिए हुए थे और प्रस्तावित संशोधनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे। विपक्षी पार्टियां, भाजपा के गठबंधन सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) तथा भाजपा के कुछ जनजाति विधायकों ने संशोधनों का विरोध किया है। भूमि कानूनों में प्रस्तावित दोनों संशोधनों के खिलाफ बीते दो महीनों के विरोध-प्रदर्शन पुलिस की यह तीसरी गोलीबारी है।


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