• बिल्डर, निवेशक व प्राधिकरण के हितों का रक्षा करेगी पीएसपी

    नोएडा ! प्राधिकरण प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) लेकर आई है। इससे जहा प्राधिकरण बिल्डरों से अपना पैसा ले सकेगी। वहीं, निवेशकों के हितों की रक्षा भी होगी। जिस भूखंड पर प्रोजेक्ट की शुरुआत नहीं हुई है। ...

    नोएडा !   प्राधिकरण प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) लेकर आई है। इससे जहा प्राधिकरण बिल्डरों से अपना पैसा ले सकेगी। वहीं, निवेशकों के हितों की रक्षा भी होगी। जिस भूखंड पर प्रोजेक्ट की शुरुआत नहीं हुई है। उसका पूरा पैसा निवेशकों को वापस किया जा सकेगा। वहीं, बिल्डर को भी राहत देते हुए ऐसे डिफाल्ट डवलपर्स जो किसी कारण अपना कार्य शुरू नहीं कर पाए है। उनको रि-शिडयूलमेंट कर एसक्रो एकाउंट (एक प्रोजेक्ट के लिए खोला गया खाता) खुलवाकर परियोजना को शुरू करवाया जाएगा। यह फैसला तीनों प्राधिकरण ने संयुक्त रूप से लिया। बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन रमा रमण ने की। गत कई सालों से रियल स्टेट में आर्थिक मंदी के चलते बिल्डर्स मांग में काफी कमी आ गई है। इसका सीधा असर निवेशकों व प्राधिकरण पर पड़ रहा है। निवेशकों को पजेशन नहीं मिल रहा, वहीं प्राधिकरण को धनराशि नहीं मिल रही है। लिहाजा तीनों प्राधिकरण ने संयुक्त रूप से पीएसपी पालिसी बनाई है। पालिसी के सभी बिंदुओं को नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण ने संयुक्त से अनुमोदित किया है। गौरतलब है कि तीनों प्राधिरकरण क्षेत्र में करीब 15 लाख से भी ज्यादा फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन आधे से कम फ्लैटो पर निवेशकों को पजेशन मिला है। वहीं, कई बिल्डर्स अपनी परियोजनाओं को शुरू तक नहीं कर सके है। वहीं, कुछ का आशिंक रूप से काम शुरू हो पाया है। ऐसे में प्राधिकरण का बकाया होने से उन्हें कंम्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है। लिहाजा खरीदार की फ्लैटों की सब लीज नहीं हो पा रही है। ऐसे में तीनों प्राधिकरण ने खरीदार बिल्डर व प्राधिकरण की सहुलियत के लिए पीएसपी पालिसी बनाई है। पीएसपी योजना में क्या है खास -बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि तीनों प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में जहा भी बिल्डरों की परियोजना डिफाल्ट के कारण आगे का कार्य नहीं कर पा रहे है। उन्हें रि-शिडयूलमेंट का आप्शन देते हुए एसक्रो एकाउंट खुलवाकर परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा।


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