• राजस्थान में चीन की चुनौतियों का असर ज्यादा नहीं दिख रहा

    जयपुर। चीनी माल के बहिष्कार के मामलें में भारतीयों को चीन की चुनौती का असर राजस्थान में फिलहाल ज्यादा दिखाई नही दे रहा है।...

     राजस्थान में चीन की चुनौतियों का असर ज्यादा  नहीं दिख रहा

     

     राजस्थान में चीन की चुनौतियों का असर ज्यादा नहीं दिख रहा 

    जयपुर।  चीनी माल के बहिष्कार के मामलें में भारतीयों को चीन की चुनौती का असर राजस्थान में फिलहाल ज्यादा दिखाई नही दे रहा है। प्रदेश में सभी बाजारों में चीनी माल की भरमार है तथा लोग चीनी माल खरीदने के प्रति संकोच जरुर कर रहे है लेकिन पूरी तरह बहिष्कार करने की राष्ट्रवादी सोच पर टिकने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे है।

    ग्राहकों के साथ व्यापारियों में भी चीनी माल को लेकर असमंजस बना हुआ है। सोशल मीडिया पर चीनी माल के बहिष्कार की अपील के बाद कुछ स्थानों पर इस बारे में रैली निकाल कर लोगों को जागरुक भी किया गया लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। किशनपोल के व्यापारियों से की गई बातचीत में यह सामने आया कि चीनी माल को लेकर व्यापारी असमंजस में है तथा उनका कहना है कि विकल्प के अभाव में वे चीनी माल लेने को मजबूर है।


    उन्होंने बताया कि देशभक्ति सर्वोपरि है लेकिन यह सिर्फ भावना से ही परिलक्षित नहीं होता इसके लिए चीनी माल का विकल्प भी पेश करना जरुरी है। उन्होंने बताया कि पटाखों से लेकर इलेक्ट्रोनिक सामान तक भारी मात्रा में माल चीन से भारत आ चुका है जिसे खपाने काे लेकर व्यापारी पशोपेश में है। व्यापारी चीनी माल पर काफी पैसा खर्च कर चुके है लिहाजा वे उसकी होली जलाकर कोई तमाशा नहीं करना चाहते।

    एक इलेक्ट्रोनिक स्टोर के मालिक विजय बंसल ने बताया कि देशभक्ति के नाम पर कुछ दुकान मालिकों को निशाना नहीं बनाया जा सकता क्योंकि हर व्यक्ति के पास कुछ न कुछ चीनी सामान है तथा वह उसे छोड़ने का माेह नहीं कर पा रहा है। ऐसे में जब तक सब लोग चीनी माल का बहिष्कार नहीं कर देते तब तक एक-आध सामान को लेकर बहिष्कार की मंशा पूरी नहीं हो सकती।

     बंसल ने बताया कि चीनी उत्पाद भारतीय उत्पादों से सस्ते होने के कारण व्यापारियों को मजबूरी में चीनी माल खरीदना पड़ रहा है तथा जब तक भारत में मेक इन इंडिया की पूरी तस्वीर साफ नहीं हो जाती तब तक भारतीय सामान की उपलब्धता पर भरोसा करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि बहुत से ग्राहक उनसे चीनी सामान के बारे में सवाल करते है लेकिन जब हम उनके चीन निर्मित मोबाइल आदि की बात करते है तो वे शर्मिदा होने के अलावा कुछ नहीं कह पाते। भारतीयों के आलसी होने के चीन के आरोप को भी लोग अभी सहज ही ले रहे है क्योंकि यह ऐसी चुनौती है कि इसका मुकाबला एक दिन में नहीं किया जा सकता।  

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