बिलासपुर ! हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा अपना कार्यकाल खुद ही बढ़ा लेने के मामले में हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के चांसलर सहित चार अन्य को नोटिस जारी कर 4 दिसम्बर से पहले जवाब प्रस्तुत करने कहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर डॉ.सुखपाल सिंह की नियुक्ति हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में वर्ष 2011 से 2016 तक के लिए हुई थी। इसके पहले डॉ.सुखपाल सिंह बनारस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। इस बीच 6 सितम्बर 2014 को कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें कुलपति डा.सिंह द्वारा बैठक के एजेंडा में शामिल नहीं होने के बाद भी कार्रवाई पंजी में दर्ज करके अपना कार्यकाल फिर से पांच वर्ष के लिए बढ़ा लिया। 22 अगस्त 2015 को कार्यकारिणी की बैठक फिर से आहूत की गई जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य विधिक परिषद् के अध्यक्ष कोषराम साहू भी शामिल हुए। उन्हें जब कुलपति डा.सिंह द्वारा अपना कार्यकाल खुद ही बढ़ा लिए जाने की जानकारी हुई तो इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिस पर हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के चांसलर, विधि सचिव, शासन व डॉ.सुखपाल सिंह को 4 दिसम्बर से पहले जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया। विश्वविद्यालय के चांसलर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस होते हैं।
कैडिला दवा कंपनी के खिलाफ राज्य शासन का आदेश रद्द
दवा कंपनी कैडिला को काली सूची में डालने के राज्य शासन के आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। जानवरों की वैक्सीन बनाने के लिए राज्य शासन ने निविदा शर्तों के तहत अनुबंधित किया था।
कैडिला दवाई कम्पनी की निविदा के समय कम्पनी को इसका प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना था कि उसे कहीं ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है। कैडिला को वैक्सीन बनाने का कार्य दे दिया गया लेकिन कुछ दिनों पश्चात् कैरल राज्य शासन ने कैडिला को अपने यहां ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। कैडिला ने केरल हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की जिस पर केरल हाईकोर्ट ने केरल राज्य शासन के आदेश को रद्द कर दिा। कैडिला कम्पनी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में यह सारी बातें प्रमाण सहित प्रस्तुत किया जिस पर न्यायालय ने राज्य शासन के आदेश को रद्द करते हुए मामले को निराकृत कर दिया।
डीपी विप्र महाविद्यालय की प्राचार्य को नोटिस
हाईकोर्ट ने आदेश की अवमानना के मामले में डीपी विप्र महाविद्यालय की प्राचार्य को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
हाईकोर्ट ने विद्यालय के सेवानिवृत्त ग्रंथपाल डॉ.आर.बी यादव को उसकी बचत की राशि का भुगतान करने के आदेश की अवमानना के मामले में यह नोटिस जारी किया है। गं्रथपाल डा.यादव को यह राशि प्रदान नहीं की थी कि उनसे महाविद्यालय को ही राशि लेनी है। उन्होंने सितम्बर 2016 को हाईकोर्ट में याचिका लगाई जिस पर न्यायालय ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए विवादित राशि को रोककर बचत राशि तुरंत देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही महाविद्यालय के प्राचार्य डा.सुनन्दा तिजारे ने राशि प्रदान नहीं की। पीडि़त की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट नोटिस जारी करते हुए प्राचार्य डॉ.सुनंदा तिजारे को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर शपथ पत्र के साथ 21 नवम्बर तक जवाब देने के आदेश दिए है।