• ममता ने सिंगूर के किसानों को जमीन सौंपी

    सिंगूर ! पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सिंगूर में किसानों के एक हिस्से को उनकी जमीन सौैंप दी।...

    ममता ने सिंगूर के किसानों को जमीन सौंपी

    सिंगूर  !   पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सिंगूर में किसानों के एक हिस्से को उनकी जमीन सौैंप दी। उन्होंने खेत में सरसों का बीज रोपकर प्रतीकात्मक संकेत के रूप में कृषि प्रक्रिया की शुरुआत की।

    10 साल पहले तत्कालीन वाम मोर्चे की सरकार ने किसानों के हिंसक विरोध के बीच हुगली जिले के सिंगूर में टाटा मोटर्स की नैनो परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिकांश लोग अपनी जमीन देने के इच्छुक नहीं थे।

    अब समय का चक्र घूमा है और किसानों को उनकी जमीन मिली है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने किसानों से अपनी जमीनों पर खेती शुरू करने के लिए कहा।

    बीते 14 सितंबर को किसानों को उनकी जमीनों के दस्तावेज देने के पांच सप्ताह बाद एक बार फिर यहां पहुंचीं मुख्यमंत्री ने गोपालपुर में एक खेत में बीजारोपण किया और किसानों से इस बात पर चर्चा की कि उन्होंने अपनी जमीन पर खेती करने की कैसी योजना बनाई है।

    उनहोंने कहा, "मैं किसानों के काम को अच्छी तरह समझती हूं, क्योंकि किशोरावस्था में ग्रामीण जीवन से मेरा गहरा नाता था। किसान तत्काल जिस फसल की खेती कर सकते हैं, वह सरसों है। इसलिए, किसानों की प्राथमिकता के मुताबिक हमने उन्हें सरसों उगाने का साजो-सामान दिया है।"

    ममता ने कहा, "कुछ समय बाद वे आलू उगा सकते हैं, फिर धान की फसल। इस तरह वे कई फसलें उगा सकते हैं।"

    जिस समय जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा था, उस वक्त मुख्य विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के रूप में ममता ने किसानों के आंदोलन के दौरान किसानों का पूरा समर्थन किया था। अपनी जमीन न देने के इच्छुक किसानों की कुल 400 एकड़ जमीन को वापस लौैटाने की मांग को लेकर ममता ने 26 दिनों तक भूख हड़ताल तथा 16 दिनों का धरना दिया था।

    न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा तथा वी.गोपाला गौड़ा की सर्वोच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 31 अगस्त को अपने फैसले में सिंगूर के किसानों को उनकी जमीनें 12 सप्ताह के भीतर लौटाने का आदेश दिया था। न्यायालय द्वारा तय समय सीमा नवंबर के अंत में समाप्त हो जाएगी।


    ममता ने कहा, "10 नवंबर तक हम सारी जमीनें किसानों को लौटा देंगे। बंटाईदारों तथा कृषि मजदूरों को भी उनका हिस्सा मिलेगा।"

    उन्होंने कहा, "निर्माण की वजह से 36 एकड़ जमीन पर कंक्रीट, पिलर तथा काफी मात्रा में धातुएं पड़ी हैं। लेकिन हमने फैसला किया है कि हम इस हिस्से को भी खेती लायक बनाएंगे।"

    ममता ने कहा, "हमारा उद्देश्य हरियाली बचाना, हरियाली पैदा करना तथा सिंगूर के लोगों के चेहरों पर एक बार फिर मुस्कान लाना है।"

    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जमीन को खेती लायक बनाने का काम 10 नवंबर तक सुनिश्चित करने को कहा। अगर आठ नवंबर तक हो जाए तो ज्यादा बढ़िया।

    अपने अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिदिन जमीनों का सीमांकन किया जा रहा है। यह बहुत बड़ा और एक मुश्किल काम है।

    उन्होंने तोड़े गए नैनो संयंत्र की छत की ओर इशारा करते हुए कहा कि इलाके में दो जलाशय खोदे गए हैं, जिन्हें भरा जाएगा।

    शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि सरकार 10,436 लैंड रिकॉर्ड का वितरण कर चुकी है, जबकि 2,300 लैंड रिकॉर्ड का वितरण करना बाकी है।

    उन्होंने कहा, "अब तक 4,443 किसान चेक ले चुके हैं। 997.11 एकड़ जमीन में से हमने 931 एकड़ जमीन को वितरण के दायरे में लाया है।"

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