• गुजरात दंगों में 33 अल्पसंख्यकों को जलाये जाने के मामले के 14 आरोपी बरी

    अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाये जाने के की घटना के एक दिन बाद फैले राज्यव्यापी दंगों के दौरान महेसाणा जिले के सरदारपुर गांव में अल्पसंख्यक समुदाय की 22 महिलाओं समेत 33 लोगों को जला कर मारने के 31 आरोपियों में से 14 को आज बरी कर दिया। ...

    गुजरात दंगों में 33 अल्पसंख्यकों को जलाये जाने के मामले के 14 आरोपी बरी
    गुजरात दंगों में 33 अल्पसंख्यकों को जलाये जाने के मामले के 14 आरोपी बरी   

    अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाये जाने के की घटना के एक दिन बाद फैले राज्यव्यापी दंगों के दौरान महेसाणा जिले के सरदारपुर गांव में अल्पसंख्यक समुदाय की 22 महिलाओं समेत 33 लोगों को जला कर मारने के 31 आरोपियों में से 14 को आज बरी कर दिया।

    गुजरात दंगों के जिन नौ सबसे वीभत्स मामलों की जांच उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने की थी उनमें से यह पहला मामला था जिसमें अदालत का फैसला आया था। महेसाणा स्थित विशेष अदालत ने नवंबर 2011 में 31 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। अन्य 42 को बरी कर दिया गया था।


    इस मामले में कुल 76 आरोपी थे जिनमें से दो की सुनवाई के दौरान मौत हो गयी थी जबकि एक नाबालिग के खिलाफ मामला अलग से चल रहा है। शेष 73 के खिलाफ जून 2009 में आरोप पत्र दायर हुआ था। उच्च न्यायालय की जज न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति वीरेन्द्र वैष्णव ने आज इस मामले में दायर विभिन्न अपीलों पर अपना फैसला सुनाते हुए 14 दोषियों को बरी कर दिया। अदालत ने 17 अन्य की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी।   

अपनी राय दें