एचआर प्रमुख सहित 3 अधिकारियों के खिलाफ थाने में शिकायत
कोरबा-बालकोनगर। बालको ऐक्टू के अध्यक्ष ने जातिगत दुर्व्यव्हार, झूठे मामले में फंसाने आदि की धमकी देने का आरोप लगाते हुए बालको एचआर हेड सहित 3 अधिकारियों के खिलाफ अजाक थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। एल्यूमिनियम कामगार संघ संबद्ध ऐक्टू के अध्यक्ष बीएल नेताम ने शिकायत में बताया है कि वे वर्ष 1980 से बालको में सेवारत और वर्तमान में फाउंड्री शॉप में फोरमेन हैं।
बालको कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण मामले मेें विशेष भूमिका निभाने और कर्मचारी हित में होने की संभावना पर प्रबंधन उनसे नाराज है। 8 अक्टूबर को कास्ट हाउस-1 के कर्मचारी रामसिंह कंवर चार्जमेन की शॉप फ्लोर में संदेहास्पद मौत पर वे भी श्रम पदाधिकारी के नाते संज्ञान लेकर घटनास्थल पहुुंंचे थे, यहां अफरा-तफरी के माहौल के लिए प्रबंधन के द्वारा उन्हें जिम्मेदार माना गया।
घटनास्थल से वापस जाते समय एचके भाटिया, एके पांडेय ने रास्ता रोककर झूमाझटकी कर नौकरी से बर्खास्त कर देने, परिणाम भुगताने की बात कही और आदिवासी जाति से संबंधित आपत्तिजनक शब्द कह बर्बाद कर देने की धमकी देकर आतंकित किया गया। नेताम ने बताया कि 8 अक्टूबर से बालको मेन गेट से अंदर जाने पर प्रतिबंध लगा देने से ड्यूटी नहीं जा पा रहे हैं और इस प्रतिबंध से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।
यह भी आरोप है कि जनवरी-फरवरी माह में यूनियन की बैठक के दौरान श्रमिक हितों की बातें उठाने पर एचआर हेड कुमुद कुमार द्वारा आदिवासी समाज पर अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस घटना की वहज से एवं निर्देश पर मातहत अधिकारी भाटिया व पांडेय द्वारा भी मानसिक रूप से लगातार प्रताड़ित कर ड्यूटी में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। श्री नेताम ने तीनों के विरूद्ध जातिगत अपशब्द कहने, झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने, धक्का-मुक्की करने एवं बर्बाद करने की धमकी देने पर अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम की संगत धाराओं के तहत अपराध दर्ज करने का आग्रह किया है।
बालको में मची खलबली
बालको में पिछले सितंबर माह से किसी न किसी मुद्दे पर विरोध, धरना प्रदर्शन, आंदोलन का दौर चल रहा था जो हाल फिलहाल कुछ दिनों से शांत था। प्रबंधन द्वारा निलंबित किये किये तीन कर्मचारियों की बहाली और फेब्रिकेशन से पॉटरूम में तबादला किये गये 40 कर्मचारियों की वापसी का पासा फेंककर 9वां वेतन समझौता, एक्सग्रेसिया बोनस की मांग कर रहे श्रम संगठनों को अपने पाले में ले लिया।
इसके बाद से एक तरह की शांति छा गई। ऐक्टू जिलाध्यक्ष द्वारा तीन प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायत जैसे ही इलाके में आम हुई, प्रबंधन और उसके रहनुमां संगठनों में खलबली मच गई। सोशल मीडिया में भी क्रिया और प्रतिक्रिया का दौर चल पड़ा। अब कर्मचारियों की निगाहें इस शिकायत के अंजाम की ओर टिकी हैं।