• 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक खाली करना होगा सरकारी आवास

    देहरादून। शासन ने प्रदेश के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक सरकारी आवास खाली करने के संबंध में आदेश जारी किया है। ...

    5 पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक खाली करना होगा सरकारी आवास

     

    5 पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक खाली करना होगा सरकारी आवास

    देहरादून। शासन ने प्रदेश के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक सरकारी आवास खाली करने के संबंध में आदेश जारी किया है। पूर्व पांच मुख्यमंत्री एन.डी. तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी, भुवनचंद्र खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा को सरकारी आवास खाली करने के संबंध में आदेश जारी करते हुए कब्जा छोड़ने के लिए सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक का समय दिया गया है। उनसे किराए की वसूली भी होगी, लेकिन इसके लिए अलग से सूचित किया जाएगा।

    प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मुफ्त मुहैया कराए गए सरकारी आवास के मामले में हीलाहवाली के प्रदेश सरकार के रुख पर अब रोक लग गई है। उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश राज्य की भूतपूर्व मुख्यमंत्री आवास आवंटन नियमावली 1997 लागू है। इसके तहत ही उन्हें मुफ्त आवास की सुविधा दी जा रही थी। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं पर सरकार को रोक लगानी पड़ी थी।


    उत्तर प्रदेश की जिस नियमावली के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को उक्त सुविधा मिल रही थी, उच्चतम न्यायालय ने एक अगस्त को खारिज कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो माह के भीतर आवंटित सरकारी आवासों को रिक्त कर उसका कब्जा राज्य सरकार को हस्तगत करने और प्रत्येक पूर् मुख्यमंत्री से उनको आवंटित आवास की तिथि से किराया वसूल करने के संबंध में आदेश पारित कर चुका है।

    नैनीताल उच्च न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्रियों को उक्त सुविधा देने के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। न्यायालय ने राज्य सरकार को उक्त संबंध में लिए गए फैसले के बारे में अवगत कराने को कहा था। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो माह के भीतर सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।

    पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक आवास खाली कर कब्जा राज्य संपत्ति विभाग के मुख्य व्यवस्थाधिकारी को देने को कहा गया है। नोटिस में ये भी कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित आवास के किराए का आकलन करते हुए वसूली के संबंध में अलग से सूचित किया जाएगा। अपर सचिव एवं राज्य संपत्ति अधिकारी विनय शंकर पांडेय की ओर से उक्त संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।  

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