• जाट नेता नया रास्ता निकालने की तलाश में

    जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी से अलग हुये जाट नेता नया रास्ता निकालने की तलाश में है। ...

     जाट नेता नया रास्ता निकालने की तलाश में

     

     जाट नेता नया रास्ता निकालने की तलाश में

    जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी से अलग हुये जाट नेता नया रास्ता निकालने की तलाश में है। भाजपा के पिछले शासन में विधान सभा अध्यक्ष रही सुमित्रा सिंह, सीकर के पूर्व सांसद सुभाष महरिया तथा जोधपुर के जाट नेता नारायण राम बेड़ा ने भोपालगढ़ में किसान सम्मेलन बुलाकर इस आशय के संकेत दिये है। ये तीनों नेता भाजपा में अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे है तथा कांग्रेस में भी सम्मान जनक जगह तलाशने की कोशिश में है।


    इस बीच किसानों की समस्याओं को उठाकर अपना कद बढाने और अपनी सक्रियता का संदेश दे रहे है। देशभर में कांग्रेस की घटती साख के कारण इन नेताओं को भाजपा के खिलाफ कोई बड़ा मोर्चा खड़ा करने का अवसर नहीं मिला लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की जड़े हरी होती नजर आ रही है। लिहाजा भाजपा से उपेक्षित नेताओं की पहली प्राथमिकता कांग्रेस ही है लेकिन जगह नहीं मिलने पर वे तीसरा विकल्प भी रखना चाहते है।

    राज्य की राजनीति में जाटों का काफी असर रहा है तथा इनकी एक जुटता के कारण स्थापित दलों को मुंह की खानी पड़ी है। जनता दल जैसे सशक्त दलों ने तीसरा विकल्प भी पेश किया है। इन जाट नेताओं का मानना है कि कांग्रेस में परिस्थितिया अनुकूल नहीं रही तो भाजपा के मुकाबले आने वाले समय में तीसरा विकल्प एक बड़ी ताकत बन सकता है। इसमें भाजपा से उपेक्षित घनश्याम तिवाड़ी तथा भाजपा से निकल कर अलग ताकत बनाने वाले किरोड़ी लाल मीणा का साथ भी मिल सकता है।  

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