• राष्ट्रपति करेंगे दंतेवाड़ा की बेटी का सम्मान

    दंतेवाड़ा ! देश भर में दंतेवाड़ा का नाम रौशन करने वाली आस्था विद्या मंदिर जावंगा की छात्रा इंदु मानिकपुरी 7 नवंबर को राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी के हाथों सम्मानित होंगी।...

    राष्ट्रपति करेंगे दंतेवाड़ा की बेटी का सम्मान

    इग्नाइट अवार्ड के लिए चुनी गई इंदु मानिकपुरी कलेक्टर सौरभ कुमार ने भी टेबलेट से किया सम्मानित दंतेवाड़ा !   देश भर में दंतेवाड़ा का नाम रौशन करने वाली आस्था विद्या मंदिर जावंगा की छात्रा इंदु मानिकपुरी 7 नवंबर को राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी के हाथों सम्मानित होंगी। कक्षा सातवीं की छात्रा इंदु ने सेप्टिक टैंक प्रेशर रिकार्ड स्केल का आइडिया दिया। जब वो पिछली बार गर्मियों की छुट्टियों में अपने गाँव गई थीं तो उसने देखा था कि गाँव के कुछ शौचालयों के सेप्टिक टैंक भर जाने के कारण चारों ओर प्रदूषण फैल रहा था। उसने विचार किया कि टैंक में कुछ आलू डाल दिए जाएं तो ये बैक्टीरिया पैदा करेंगे, इन बैक्टीरिया से सेप्टिक टैंक साफ रहेंगे। कुछ समय बाद जब ये बैक्टीरिया समाप्त हो जाएंगे और इनके विघटन से जो गैस निकलेगी, उसे सेप्टिक टैंक प्रेशर रिकार्ड स्केल से माप लिया जाएगा। एक निश्चित स्तर तक प्रेशर पहुँचने के बाद उसे फिर से आलू डाल दिए जाएंगे ताकि बैक्टीरिया पुन: पैदा हो सकें। राष्ट्रपति भवन से दुर्लभ सम्मान प्राप्त करने वाली इंदु ने छोटी सी जीवन में ही कठिन संघर्ष किया है। इनके पिता मरईगुड़ा में थाना निर्माण कर रहे थे, जहाँ नक्सलियों ने इनके पिता की हत्या कर दी। इंदु की माँ श्रीमती कल्याणी मानिकपुरी ने इंदु का पालनपोषण किया, 2006 से 2011 तक वो केरलापाल आंगनबाड़ी में काम करती रहीं। फिर वे आस्था गुरुकुल में छात्रावास में काम करने लगीं। यहीं इंदु को भी एडमिशन मिला। उल्लेखनीय है कि सुश्री इंदु ने अपने शिक्षक अमुजरी विश्वनाथ की प्रेरणा से गणित ओलंपियाड में भी हिस्सा लिया है तथा रंगीला बाल उत्सव में भी अच्छा प्रदर्शन किया। आज स्टार्टअप इंडिया के बूट कैंप में कलेक्टर सौरभ कुमार ने इंदु का सम्मान किया। उन्होंने इंदु को टेबलेट भेंट करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कलेक्टर ने कहा कि हमारे परिवेश में ही हमारे चारों ओर बिखरी समस्या का समाधान होता है। इंदु ने अपनी पैनी नजर में इसे देखा और जो किताबों से सीखा था, उसे प्रायोगिक रूप दिया। इंदु दंतेवाड़ा का गौरव है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष बचेली के छात्र भरत ने तेंदू पत्ता तोडऩे की मशीन बनाई थी, यह ऐसा विचार था जिससे हजारों तेंदू पत्ता तोडऩे वाले हितग्राहियों की जिंदगी सरल होती है। इसके लिए उन्हें पिछले वर्ष का डॉ. एपीजे कलाम इग्नाइट अवार्ड मिला था।


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