• 'कमल क्लब' का नाम बदलने की योजना बना रही झारखंड सरकार

    रांची। झारखंड सरकार 'कमल क्लब' का नाम बदलने की योजना बना रही है। सरकार यह बदलाव चुनाव आयोग (ईसी) की उस सलाह के बाद करने जा रही है जिसमें कहा गया है कि सार्वजनिक धन से एक पार्टी के प्रतीक का प्रचार नहीं किया जा सकता। ...

     

      'कमल क्लब' का नाम बदलने की योजना बना रही झारखंड सरकार

    रांची। झारखंड सरकार 'कमल क्लब' का नाम बदलने की योजना बना रही है। सरकार यह बदलाव चुनाव आयोग (ईसी) की उस सलाह के बाद करने जा रही है जिसमें कहा गया है कि सार्वजनिक धन से एक पार्टी के प्रतीक का प्रचार नहीं किया जा सकता। सरकार के सूत्रों के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में आयोग ने राज्य के चुनाव आयुक्त को एक संदेश में कहा कि जनता के धन से किसी भी पार्टी के प्रतीक के प्रचार की अनुमति नहीं होनी चाहिए।


    झारखंड में कैबिनेट बैठक में इस साल मई में कमल क्लब बनाने को मंजूरी दी गई थी। इसे गांव और पंचायत स्तर पर खेलों और सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। इसके जरिए झारखंड के कला, नृत्य, संगीत और चित्रकारी को बढ़ावा देने का लक्ष्य है।

     इन क्लब के दूसरे उद्देश्यों में राज्य के लोगों में अंधविश्वास और जादू टोना के खिलाफ जागरूकता पैदा करना है। यह क्लब प्रसिद्ध लोगों की जयंती-वर्षगांठ पर भी आयोजन करेंगे।विपक्षी पार्टियों ने इनके नाम 'कमल क्लब' पर आपत्ति जाहिर की थी, क्योंकि कमल भाजपा का चुनाव चिन्ह हैं। हालांकि, कैबिनेट की मंजूरी मिलने के करीब पांच महीने बाद, अभी तक 'कमल क्लब' का गठन किया जाना बाकी है।बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने आईएएनएस को मंगलवार को बताया, "खेल और पर्यटन विभाग की एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के साथ चुनाव आयोग के पत्र पर चर्चा की गई। बैठक में मुद्दे के सभी पक्षों पर चर्चा हुई। इसमें क्लब का नाम बदलने पर भी बात हुई। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा।" विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग के इस कदम का स्वागत किया है।

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