• शराबबंदी कानून के कड़े प्रावधानों पर विचार करेंगे: नीतीश

    राजगीर। जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून के कड़े प्रावधानों को लेकर हो रही आलोचनाओ के मद्देनजर आज इस कानून पर विचार करने के संकेत देते हुये कहा कि राज्य में लागू शराबबंदी कानून के प्रावधान यदि कड़े हैं तो इस पर विचार किया जा सकता है लेकिन इसे समाप्त नहीं किया जाएगा।...

     शराबबंदी कानून के कड़े प्रावधानों पर विचार करेंगे:  नीतीश

     

    शराबबंदी कानून के कड़े प्रावधानों पर विचार करेंगे:  नीतीश

    राजगीर।  जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून के कड़े प्रावधानों को लेकर हो रही आलोचनाओ के मद्देनजर आज इस कानून पर विचार करने के संकेत देते हुये कहा कि राज्य में लागू शराबबंदी कानून के प्रावधान यदि कड़े हैं तो इस पर विचार किया जा सकता है लेकिन इसे समाप्त नहीं किया जाएगा।

     कुमार ने जदयू के यहां रविवार को शुरू हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद् बैठक के अंतिम दिन के खुले सत्र को संबोधित करते हुये कहा, “राज्य की जनता के हितों का ध्यान रखते हुये हमने शराबबंदी कानून लागू किया है। यदि इस कानून के प्रावधान ज्यादा कड़े हैं तो इस पर विचार किया जा सकता है लेकिन इस कानून के साथ न तो कोई समझौता किया जाएगा और न ही इसे समाप्त किया जाएगा।


    ” मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के खिलाफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की सराहना करते हुये कहा कि केंद्र सरकार को आतंकवाद के खिलाफ जो भी कार्रवाई करनी है वह करें हम उनके साथ हैं लेकिन सेना के सर्जिकल स्ट्राइक का कोई पार्टी होर्डिंग लगाकर श्रेय लेना चाहती है तो उसे जरूर रोका जाना चाहिए।

    जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विश्व हिंदू परिषद् के प्रवीण तोगड़िया के राम मंदिर बनवाने के बयान के खिलाफ तीखा हमला करते हुये कहा, “जय श्रीराम सभी बोलते हैं आप भी बोलिए हमें कोई ऐतराज नहीं। लेकिन, श्री तोगड़िया के मंदिर बनवाने की बात का हम कड़ा विरोध करते हैं। आज देश के सामने मंदिर और मस्जिद निर्माण मुद्दा नहीं है बल्कि विचार करने योग्य कई बात है तो वह है आत्महत्या कर रहे किसान।अपनी दयनीय स्थिति के कारण किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में उनकी समस्याओं के निदान पर विचार करने की जरूरत है।  

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