• नक्सलियों ने डंडे से पीटकर ग्रामीण को मारा

    कोण्डागांव ! पुलिस के लिए मुखबीरी का काम करने की शंका जाहिर करते हुये माओवादियो ने फिर एक ग्रामीण की हत्या कर दी है। मर्दापाल इलाके के ग्राम कुंगारपाल में रहने वाले आशाराम पिता मोतीराम कोर्राम 26 वर्ष की माओवादियों ने हत्या कर दी। यह पहला मौका नही है जब मर्दापाल इलाके में इस तरह की घटना को माओवादियों ने अंजाम दिया हो...

    नक्सलियों ने डंडे से पीटकर ग्रामीण को मारा

    घर से उठाकर ले गये नक्सली, मृतक को कोण्डागांव !   पुलिस के लिए मुखबीरी का काम करने की शंका जाहिर करते हुये माओवादियो ने फिर एक ग्रामीण की हत्या कर दी है। मर्दापाल इलाके के ग्राम कुंगारपाल में रहने वाले आशाराम पिता मोतीराम कोर्राम 26 वर्ष की माओवादियों ने हत्या कर दी। यह पहला मौका नही है जब मर्दापाल इलाके में इस तरह की घटना को माओवादियों ने अंजाम दिया हो, इससे पहले भी शक के आधार पर कई ग्रामीणों की हत्या हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक विगत शुक्रवार की देर शाम 7 माओवादी आशाराम के घर पर आये और घर पर मौजुद आशाराम की पत्नी श्रीमति उनमती व 3 वर्षीय पुत्र के सामने ही आशाराम को कुछ देर के लिए अपने साथ ले जाने की बात कहते हुए आशाराम को अपने साथ लेकर निकल गये और काफी देर बीत जाने के बाद भी जब वह नहीं आया तो परिजनों ने घर के आसपास पतासाजी करनी शुरू कर दी, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला और शनिवार की सुबह जब परिजन व ग्रामीण आशाराम की खोजबीन कर ही रहे थे, कि तभी राकसबेड़ा में आशाराम के शव मिलने की बात सामने आई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई तो मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा शव को ग्रामीणों के साथ मर्दापाल थाने तक फिर वहां से उसे शव परीक्षण हेतु जिला अस्पताल तक पहुंचाया गया। पत्नी ने बताई आपबीती- मृतक की पत्नी श्रीमति उनमती गांव में ही आगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करती है। उसने बताया कि इलाके में माओवादियों का दबाव तो कम होता दिख रहा है, लेकिन जो कल शाम हुआ उसे मै नहीं भूल सकती। पहले तो नक्सलियों द्वारा मेरे पति को घर से निकालकर ले जाया गया, फिर कुछ देर बाद उनमें से दो लोग वापस आकर आशाराम को अभी भेजते हैं कहते हुए मेरे पास रखे मोबाईल को भी मांग कर ले गये। इसके बाद अगले दिन मुझे पति की लाश ही देखने को मिला, वह कहती है कि उसका पति कभी पुलिस के लिए काम नहीं करता था और न ही कभी उसने नक्सलियों का साथ दिया, बल्कि पहले कभी माओवादियों के कहने पर कुछ सामान छोडऩे जरूर गया था, इसके बाद से न तो वह कभी नक्सलियों से मिला और न ही उनसे किसी तरह से संपर्क ही रहा है। उनमती ने बताया कि उसके पति को उठाकर ले जाने वालों में से हेमलाल व रामू भी शामिल हैं जो माओवादियों के साथ मिलकर काम करते हैं। उनके साथ आये पांच अन्य लोगों को उसने पहली बार देखा था। नक्सलियों ने फेंके पर्चे युवक को मौत के घाट उतारने के बाद शव के पास पर्चे भी फेंके गए थे जिसमें मृतक को पुलिस का मुखबीर होने की बात लिखी गई है, साथ ही पुलिस का साथ देने वालों को सावधान भी किया गया है। इसी तरह मर्दापाल में शनिवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार के दिन बाजार स्थल तक में भी नक्सली पर्चे होने की खबर सुत्रों से मिली है।   माओवादियों का काला चेहरा सामने है जो बेगुनाह ग्रामीणों को अपना निशाना बना रहे हैं।  मृतक का पुलिस से कोई संबंध नही रहा है। - संतोष सिंह पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव पुलिस मृतक परिवार के साथ है, उनकी हरसंभव मद्द करेगा। इलाके में नक्सल विरोधी अभियान तेज गति से चल रहा है, जिससे बैखलाकर नक्सली ग्रामीणों को अपना निशाना बना रहे हैं। - महेश्वर नाग एएसपी


     

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