कांकेर ! डेढ़ साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में अपराध की गंभीरता को देखते न्यायालय ने अभियुक्त को अंतिम सांस तक कारावास की सजा साथ ही पांच हजार सात सौ रूपये अर्थदंड से भी दंडित किया है। दुष्कर्म की यह घटना कोरर थानांतर्गत के ग्राम चिल्हाटी में ढाई वर्ष पूर्व घटित हुई थी। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी मनोज कुमार प्रजापति ने चिल्हाटी निवासी अभियुक्त गोपी उर्फ गोविदा पिता रजउराम उम्र 26 वर्ष को विभिन्न धाराओं के तहत उक्त सजा सुनाई।
न्यायालय में अभियोजन पक्ष को मिले प्रकरण के अनुसार ग्राम देवडोगर निवासी उम्र 26 वर्षीय महिला अपनी पांच साल व डेढ साल की दोनों बच्चियों को लेकर चिल्हाटी में एक शादी कार्यक्रम में शामिल होने आयी थी, 8 मई 2014 को शाम सात बजे शादी वाले घर में टिकावन कार्यक्रम चल रहा था जहां पर डीजे बजाये जा रहे थे व बच्चे नाच रहे थे, इसी दौरान अभियुक्त गोपी वहां पर पहुंचा और डेढ वर्षीय बच्ची को गोद में उठाकर नाचने लगा, बाद में वह लोगों की नजरे बचाकर बच्ची का अपहरण कर लिया और बाहर ले जाकर उससे उसके साथ दुष्कर्म किया। ग्रामीणों ने खोजबीन कर आरोपी गोपी उर्फ गोविदा के कब्जे से मासूम बच्ची को बरामद किया, बच्ची के गुप्तांग से खून निकल रहा था, बच्ची की हालत देख ग्रामीण सारा माजरा समझ गये, जिसके बाद बच्ची को उपचार के लिये कोरर अस्पताल लाया गया, जहां से उसे जिला चिकित्सालय कांकेर फिर रायपुर रेफर किया गया, कोरर थाने में शिकायत दर्ज कराये जाने पर अगले दिन आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 363, 366, 376 एवं धारा लैंगिक अपराधों के तहत बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 3, 4 के तहत न्यायालय में हुए विचारण एवं गवाहों के बयान के तहत उक्त सजा सुनाई गई।
शासन की ओर से मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता संदीप श्रीवास्तव एवं अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता दिलीप सिंह नरेटी ने की।