• प्रतिबंध बेअसर, नदी-तालाबों में बढ़ रहा प्रदूषण

    रायपुर। नगर निगम ने देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को विसर्जित करने अलग से विसर्जन कूंड निर्माण शुरू किया है। लेकिन कूंड नहीं बनने से नदी-तालाबों में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है।...

    प्रतिबंध बेअसर, नदी-तालाबों में बढ़ रहा प्रदूषण

     

    प्रतिबंध बेअसर, नदी-तालाबों में बढ़ रहा प्रदूषण

    रायपुर।   नगर निगम ने देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को विसर्जित करने अलग से विसर्जन कूंड निर्माण शुरू किया है। लेकिन कूंड नहीं बनने से नदी-तालाबों में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। नगर में प्राचीन और ऐतिहासिक तालाबों में लगातार धार्मिक अनुष्ठानों के बाद होने वाले विसर्जन से प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रतिबंध के बाद भी आम लोगों के द्वारा मूर्ति व अन्य पूजन सामग्री विसर्जित की जा रही है। क्योंकि नगर निगम ने इसके लिए अब तक वैकल्पित इंतजाम नहीं किए है। जिससे दैनिक क्रियाकर्म के कार्य के लिए पहुंचने वाले आम लोगों को परेशानी आ रही है। 

    तालाब के चबूतरे वाले हिस्से में काफी मात्रा में विसर्जन सामग्री जमा हो गई है। इस वजह से गंभीर प्रदूषण होने लगा है। दूसरी तरफ पिछले दिनों कंकाली तालाब में सामने आई घटना की एक वजह उपरोक्त तरह के सामग्री विसर्जन के कारण जमा अपशिष्ट रहेगी। हालांकि निगम प्रबंधन ने तालाबों में विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया है। समय-समय पर जानकारी ली जाती है लेकिन इसके बाद भी तालाबों में विसर्जन जारी है।


    उल्लेखनीय है कि नगर में नवरात्रि के बाद दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन और इसके पहले गणेश चतुर्थी के पश्चात मूर्ति का विसर्जन सहित विश्वकर्मापूजा व अन्य धार्मिक कार्यों के बाद विसर्जन सामग्री पर तालाबों में विसर्जन को लेकर निगम ने प्रतिबंध लगा दिया है। यही वजह है कि गणेश चतुर्थी में प्रतिमाओं को तालाबों में विसर्जन को रोकने के लिये पृथक से विसर्जन कुंड बनाये गये और काफी मूर्तियों का विसर्जन कराया गया। लेकिन नवरात्रि में निगम की यह बंदिश ढीली पड़ गई और आम लोगों के द्वारा देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन तालाबों में किया गया।

    साथ ही पूजन सामग्री को भी विसर्जित किया गया। परंपरानुसार लोगों ने जंवारा विसर्जन का भी काम तालाबों में हुआ इसके बाद कंकाली तालाब, बूढ़ातालाब, नरैया तालाब, मच्छी तालाब, महाराजबंद तालाब सभी में विसर्जन कार्य किये गये। सुबह से तालाब के किनारे वाले हिस्से में काफी पूजन सामग्री, फल फूल व  घी के अपशिष्ट जमा हो गये है जो लोगों के दैनिक नित्य कामों में परेशानी बन गई है। तालाबों की सफाई का काम भी काफी हद तक कई दिनों से नहीं हुआ है इसलिये पानी में अशुद्धता बढ़ रही है।

    अलबत्ता आम लोगों को चर्म रोग के फैलने का खतरा बढ़ रही है जिसमें कुछ शिकायतें त्वचा संबंधि रोगों की सामने आई है। वहीं पानी व हवा में प्रदूषण लोगों के परेशानी का कारण बना हुआ है। तालाब के घाट पर आम तौर पर लोग नित्ेय कार्य के साथ अन्य जीवन मूल्य से जुड़े कार्यों के लिये भी पहुंचते है जिसमें परेशानी आ रही है। साथ में धोबी समुदाय के द्वारा रोजगार संबंधि कार्य 

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