• राजधानी के जेल में बनेंगे 9 नए बैरक

    रायपुर। केंद्रीय जेल में पिछले दिनों बंदियों के सत्याग्रह के बाद कसावट लाई जा रही हैं साथ ही जेल के स्वरूप में परिवर्तन लाने के प्रयास शुरू किए गए हैं।...

    राजधानी के जेल में बनेंगे 9 नए बैरक

     

    राजधानी के जेल में बनेंगे 9 नए बैरक

    रायपुर। केंद्रीय जेल में पिछले दिनों बंदियों के सत्याग्रह के बाद कसावट लाई जा रही हैं साथ ही जेल के स्वरूप में परिवर्तन लाने के प्रयास शुरू किए गए हैं। इसमें जेल में जल्द ही 9 नई बैरक लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बनाए जाएंगे, ताकि बंदियों को व्यवस्थित ढंग से रखा जा सके। इसके अलावा जिले में 1500 बंदी क्षमता वाले एक जेल का और निर्माण होगा इस आशय का मसौदा तैयार कर जिलाधीश को भेजा गया हैं।

    वहीं बंदियों के आंदोलन की वजह पर काम करते हुए जेल प्रबंधन ने काफी सुधार लाए जा रहे हैं, इसमें बैरकों में बने टॉयलेट की साफ-सफाई के लिए निगरानी समिति बनाई गई है जो बंदियों के बीच से तैयार की जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिकित्सकों को रोटेशन पर बुलाया जाएगा इससे काफी सुधार आने की गुंजाइश है।


    साथ में फिर से कोई सत्याग्रह ना पनप सके, इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है और जेल के चारों ओर पेट्रोलिंग कराई जाएगी। हाईवे चैनल से खास बातचीत में जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ ने बताया कि इस समय जेल में क्षमता से कही अधिक बंदी बंद हैं। 3234 बंदी बंद है जबकि जेेल की क्षमता 1400 हैं इसे ध्यान में रखते हुए 9 और नई बैरक लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बनाया जाएगा।  इसके लिए राज्य सरकार से हरी झंडी मिल गई हैं जल्द ही इसमें काम शुरू होगा। उन्होंने बंदियों के 16 सूत्रीय मांगों पर कहा कि अधिकांश मांगों में 3 स्तर पर मांग थी जिसमें जेल स्तर पर जो मांगे या सुझाव सामने आये है उसे स्वीकार कर सुधार लाया जा रहा हैं।

    इसमें टॉयलेट में गंदगी का मामला था जिसे सुधार करने के लिए साफ-सफाई समिति बनाई गई हैं जिसके बंदी ही प्रमुख होंगे और वे सफाई के ध्यान रख सकेंगे। यहीं नहीं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए 4-6 से चिकित्सकों को रोटेशन पर आमंत्रि किया जाएगा। अब तक चिकित्सक एक बार या दो बार स्वास्थ्य परीक्षण करते रहे हंै। इसके अलावा मनोरंजन के साधन के लिए टेलीविजन सेट उपलब्ध था मगर उनमें कॉमर्शियल चैनल नहीं आते थे।

    इस वजह से बंदी संगीत नहीं सुन पाते थे, मगर अब सेट बॉक्स लगा कर बंदियों को संगीत के साथ नए मनोरंजन से जोड़ा जाएगा। ताकि वे एक स्वस्थ और सुखद वातावरण में सजा के दिन काट सके। 

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