• धान के रकबे का सत्यापन हो तो कराएं पंजीयन

    मुंगेली ! समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीयन कराना किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है। पटवारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी का अता-पता नहीं है।...

    अब तक सिर्फ साढ़े तीन हजार किसान पंजीयन मुंगेली !  समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीयन कराना किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है। पटवारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी का अता-पता नहीं है। इनके सत्यापन के बिना पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा किसानों को पंजीयन के लिए आधार कार्ड, मोबाईल नंबर, बैंक खाता अनिवार्य कर दिया गया हैं।  किसान सहकारी समितियों के चक्कर काट रहे हैं। जिले में अब तक 3 हजार 550  किसानों का पंजीयन हो पाया हैं। वहीं दूसरी ओर किसान अपनी खेती-किसानी में व्यस्त होने के कारण भी पंजीयन में नहीं करा पा रहे हैं। किसानों का पंजीयन एक सितंबर से शुरू हो गया है और 15 अक्टूबर अंतिम तिथि है। पंजीयन फार्म में पटवारी और तहसीलदार के हस्ताक्षर आवश्यक हैं। किसानों को कोई परेशानी न हो इसलिए पटवारी को अपने क्षेत्र की सहकारी समिति में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैठने का निर्देश दिया गया है। क्षेत्र के पटवारी का अता-पता नहीं है। पंजीयन शुरू हुए लगभग एक माह होने को है। लेकिन सत्यापन आदि के चलते 10 प्रतिशत ही किसानों का पंजीयन हो पाया हैं। किसान केजहाराम, पंजीयन फार्म लेकर चार दिनों से सहकारी समिति के चक्कर काट रहे हैं। एक व्यक्ति का यदि एक से अधिक गांव में खेती है तो कम्प्यूटर में पंजीयन नहीं हो पा रहा हैं। 2013-14 में धान न बेचने पर उनका नाम कम्प्यूटर से ही गायब हो गया हैं। नया नाम नहीं जुड़ पा रहा हैं। बैंक सुपरवाईजर संतोष सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले वर्ष पंजीकृृत किसानों के पंजीयन में केवल पटवारी के हस्ताक्षर ही लिए जा रहे है। नये पंजीयन के लिए पटवारी एवं तहसीलदार के हस्ताक्षर अनिवार्य है। गांव में बिजली की समस्या के साथ-साथ पटवारी के सोसायटियों में उपलब्ध न होना प्रमुख कारण हैं। जिले से पंजीयन कराने के लिए किसानों ने फार्म तो ले चुके हैं। किंतु फार्म जमा केवल कुछ किसानों ने ही किया हैं। मुंगेली ब्लाक में 16 सहकारी समितियां हैं। मुंगेली सोसायटी अंतर्गत सात गांव हैं जिनका कुल रकबा लगभग 1 हजार हेक्टेयर हैं। इस समिति में कुल 604 सदस्य हैं। पिछले वर्ष कुल 472 किसानों ने धान बेचा था। इस वर्ष 604 फार्म तो बिक चुके हैं। अब तक 450 आवेदन जमा किए जा सके हैं,154 किसानों ने आवेदन अभी जमा नही किया हैं। ऐसे में 15 अक्टूबर तक सभी किसानों का पंजीयन कर पाना दुर्गम कार्य हैं। जिले के विभिन्न समितियों में 2016-17 में अब तक 19 हजार 474 किसानों का पंजीयन हो चुका हैं। किसानों का पंजीयन सोसायटी सॉफ्टवेयर द्वारा किया गया है। तहसील मॉड््यूल द्वारा कुल अब तक 1097 किसानों का पंजीयन किया गया है। पिछले साल इन समितियों में 41 हजार 794 किसानों का पंजीयन हुआ था। क्यों रुचि नहीं ले रहे हैं कृषक किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया का जटिल होना कृषकों को पंजीयन से अलग कर रहा है। पंजीयन के नियमानुसार समितियों में पंजीयन फार्म जमा होना था। उनके राजस्व रिकार्ड रकबे के अनुसार पटवारी सत्यापित करता फिर कृषि अधिकारी द्वारा लगे फसल का मुआयना कर सत्यापित करने के पश्चात आन लाइन एंट्री होती जिसके बाद कृषक का पंजीयन हो जाता। इसके लिए किसानों को पटवारी कृषि विस्तार अधिकारी का चक्कर काटना पड़ रहा है। पूर्व में पंजीयन कराये गये किसानों को पटवारी के चक्कर लगाने पड़ रहे है। फार्म में बिना पटवारी के दस्तक के किसानों का पंजीयन नही हो पा रहा है। इस संदर्भ में सगवाकापा का किसान रामभजन ने बताया कि वह हर साल सोसायटी में ही धान बेचता है। उसके बाद भी उसे पंजीयन के लिए पटवारी के चक्कर काटने पड़ते है। रामरतन, दिनेश ,सूखचंद ने बताया कि इस संदर्भ में शासन का कहना है कि जमीन बिक्री हो जाने के कारण पटवारी से प्रतिवेदन मांगा जाता है। जबकि जमीन बेचने पर पर्ची में इसका उल्लेख किया जाता है। और सोसायटी में पहले से ही पर्ची जमा रहती है जिससे जमीन बिक्री की जानकारी मिल सकती है। फार्म जमा होने में विलंब जिले के सभी सोसायटियों में पंजीयन कराने के लिए सारी व्यवस्था की गई हैं। अधिकांश किसान पंजीयन हेतु आवेदन ले जा चुके हैं। फार्म जमा होने में विलंब हो रहा हैं। किसान अपने खेती किसानी में व्यस्त हैं जिसके चलते भी प्रक्रिया में देर हो रही हैं। समिति के कर्मचारी रविवार को भी पंजीयन करने जुटे हुए हैं। अनिल सप्रे, प्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मुंगेली


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