बीजापुर ! सेंट्रल जेल जगदलपुर और जिला जेल दंतेवाड़ा के बंदियों को उप जेल बीजापुर में भेजा जाएगा। 250 की क्षमता वाली उप जेल को एक माह में फिर से खोल दिया जाएगा। सीआरपीएफ के कब्जे से 12 एकड़ परिसर वापस लिया जा रहा है।
इस उप जेल की क्षमता 250 बंदियों-कैदियों की है। 20 एकड़ में फैली जेल को 2002 में शुरू किया गया था। फिर इसे बंद कर दिया गया। इस पर सीआरपीएफ की एक बटालियन का हेडचर्टर है। उप जेल को जब खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की गई तो आठ एकड़ का परिसर सीआरपीएफ को देने का निर्णय लिया गया। ये देश की पहली जेल है जहां से फिर से सीआरपीएफ का कब्जा हटाया जा रहा है। ये पांच जेलें जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मणीपुर, मप्र व छग में हैं। बताया गया है कि नवंबर में इस जेल को खोल दिया जाएगा। यहां ढाई सौ बंदी आएंगे। इनमें से करीब 150 जगदलपुर सेंट्रल जेल व करीब 100 बंदी दंतेवाड़ा से लाए जाएंगे। तकरीबन सभी बंदी नक्सली मामलों के हैं। यहां 50महिला एवं 200 पुरूष बंदी होंगे। करीब 40 हार्डकोर नक्सली भी यहां रखे जाएंगे। यहां हार्डकोर 20 नक्सली बंदियों को रखने का इंतजाम है। अभी नए बैरक बनाए जा रहे हैं और पुराने बैरकों की मरम्मत की जा रही है। पाइप लाइन, विद्युतीकरण एवं नवीनीकरण किया जा रहा है। जेल परिसर में पांच जैमर लगाए जा रहे हैं। बताया गया है कि एक जैमर 100 मीटर तक का एरिया कवर करेगा। इससे आसपास रहने वालों या मोबाइल से बात करते गुजरने वालों को परेशानी होगी। इसके अलावा 48 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। कैदी-बंदी की हर हरकत पर नजर रहेगी। सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवान परिसर में ही रहेंगे। जिला जेल में हॉस्पिटल रहेगा। यहां एक डॉक्टर, एक कंपाउण्डर व दो स्वीपर रहेंगे। एक जेल प्रभारी, 5 मुख्य प्रहरी एवं 35 प्रहरियों की पदस्थापना कर दी गई है। परिसर में पाकशाला होगी। इसमें कैदियों का भोजन बनेगा। अभी रसोई गैस कनेक्शन के लिए जेल प्रबंधन ने अर्जी दे दी है। उप जेल खुलने से जिले के बंदियों के परिजनों को मेल-मुलाकात करने जगदलपुर या दंतेवाड़ा नहीं जाना पड़ेगा। बताया गया है कि जिले के करीब 400 मामले दंतेवाड़ा, जगदलपुर एवं रायपुर की अदालतों में चल रहे हैं। निकट भविष्य में यहां जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना हो जाने से प्रकरणों के निपटारे में तेजी आएगी।
जल्द खुलेगी जेल
उम्मीद है कि अक्टूबर मासंात तक काम पूरा हो जाएगा। नवंबर के पहले हफ्ते उप जेल को फिर से चालू कर दिया जाएगा। बिजली और पानी की व्यवस्था परिसर में की जा रही है। नए बैरक एवं भवन बनाए जा रहे हैं।
- कुंजलाल सिन्हा
जेल प्रभारी, उप जेल, बीजापुर