• आदिवासी छात्र भूखे-प्यासे कलेक्टर को सुनाने पहुंचे स्कूल का हाल

    रायगढ़ ! आदिवासी स्कूल में पढने वाले लगभग सौ छात्र अपने हास्टल व स्कूल का बहिष्कार करते हुए 50 किलोमीटर दूर क्षेत्र से जिला मुख्यालय रायगढ़ पहुंचे...

    रायगढ़ !   आदिवासी स्कूल में पढने वाले लगभग सौ छात्र अपने हास्टल व स्कूल का बहिष्कार करते हुए 50 किलोमीटर दूर क्षेत्र से जिला मुख्यालय रायगढ़ पहुंचे और वह भी भूखे पेट लोकल टे्रन से इसके बाद पांच किलोमीटर दूर तक नारेबाजी करते हुए पैदल ही अपने साथ होने वाले अन्याय के विरोध में कलेक्टर से मिलने पहुंच गये। खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम छोटे मुड़पार में संचालित एकलव्य स्कूल व हास्टल में चार सौ से अधिक छात्र पढ़ते हैं और आज सुबह लगभग सौ छात्र   एक साथ स्कूल के प्राचार्य और शिक्षकों के खिलाफ  स्कूल का बहिष्कार करते हुए सुबह 8 बजे से ही पहले ग्राम छोटे मुडपार से 10 किलोमीटर तक पैदल चलकर खरसिया पहुंचे और वहां से लोकल टे्रन पकडक़र सीधे रायगढ़ पहुंच गये। नाराज छात्र  मुकेश , महेश्वर, नीरज,  संतोष  बताते है कि उनको आदिवासी होने का उलाहना देते हुए स्कूल प्रबंधन समय-समय पर प्रताडना देता है इतना ही नही मारपीट करते हुए उन्हें काफी परेशान भी किया जाता है। सभी छात्रों ने अपने प्राचार्य तथा प्राध्यापकों का नाम बताया और कहा कि एक लंबे समय से वे इनकी ज्यादतियों को झेलते आ रहें है और आज इनके विरोध में जिला कलेक्टर से मिलकर कार्रवाई की मांग करेंगे। इनका कहना था कि अगर उनकी बात नही सुनी जाती तो वे वापस स्कूल नही जायेंगे। ये छात्र यह भी बताते है कि इनमें से तीन साथियों ने तो प्रबंधक द्वारा की जाने वाली पिटाई से पीडित होकर आत्महत्या करने के भी ठान ली थी पर साथियों की समझाईश पर ये मानें अन्यथा कुछ भी हो सकता था।  विदित हो कि आरक्षित वर्ग के इन छात्रों को  सरकार की तरफ  से रहने की सुविधा के साथ-साथ खान पान की व्यवस्था भी दी जाती है और कक्षा 11वीं एवं 12वीं के सौ से अधिक छात्र एक साथ स्कूल प्रबंधन के विरोध में नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय रायगढ़ पहुंचकर जिला कलेक्टे्रट कार्यालय के सामने पहले प्रदर्शन करते हैं और जमीन पर बैठकर हास्टल एवं स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा दी जाने वाली प्रताडऩा के मामले में परेशान होकर गेट के सामने ही धरने में बैठ जाते है कलेक्टर ने भी पीडि़त छात्रों से बात करने के बाद उनको न्याय दिलाने की बात कही है। साथ ही साथ तत्काल पूरे मामले की जांच की बात भी कही है। आदिवासी विकास आयुक्त संकल्प साहू का कहना था कि इस मामले में बकायदा छात्रों के बयान के आधार पर दोषियों के खिलाफ न केवल कार्रवाई की जाएगी बल्कि इन सभी छात्रों को बेहतर से बेहतर सुविधा देने के साथ-साथ दोबारा ऐसी घटना न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। बहरहाल मिलो दूर आदिवासी अंचल के छात्रों की बात को सुनकर इतना जरूर पता चलता है किस तरह सरकारी सुविधाओं के बाद भी प्रबंधन के लोगों द्वारा उन्हें मानसिक व शरीरिक प्रताडना देते हुए परेशान किया जाता रहा है।   कलेक्टर ने दिखाई संवेदनशीलता अपने स्कूल प्रबंधन से नाराज छात्र जब उनसे मिलने के लिये खरसिया के गांव होते हुए टे्रन पकडक़र जब रायगढ़ पहुंचे तो उसकी सूचना जिला कलेक्टर अलरमेल को हो चुकी थी और उन्होंने ने भी वक्त से पहले कार्यालय जाकर पीडि़त छात्रों से मिलने के लिये पहुंच गई इतना ही नहीं कलेक्टर अलरमेल ने छात्रों के साथ बातचीत करते हुए न केवल उनकी बात सुनी बल्कि तत्काल दोषी शिक्षक एवं प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश आदिवासी विकास आयुक्त संकल्प साहू को दिये। इतना ही नही 10 किलोमीटर दूर पैदल चलकर पहले खरसिया रेलवे स्टेशन उसके बाद रायगढ़ रेलवे स्टेशन से पांच किलोमीटर दूर जिला कलेक्टे्रट पैदल पहुंचने वाले छात्रों को पहले भोजन कराने के भी आदेश दिये साथ ही साथ उन्हें समझा बुझाकर वापस ग्राम छोटे मुडपार सरकारी वाहन में भेजने के लिये पहल भी की। चूंकि छात्र सुबह से ही भूखे प्यासे थे और उनकी बातचीत सुनने के बाद कलेक्टर ने भी माना कि इन आदिवासी बच्चों के साथ गलत हो रहा है। विभागीय लापरवाही-एसी इस मामले में जिलाधीश से निर्देश मिलने के बाद सहायक आयुक्त आदिवासी संकल्प साहू तत्काल मूडपार पहुंचे और उप प्राचार्य वेदप्रकाश चौबे अधीक्षक पूनम खलखो, प्राचार्य जी.एस.तिवारी तथा सहायक अधीक्षक फबियानूस तिर्की से एक-एक करके चर्चा उपरांत उन्होंने वस्तु स्थिति का अवलोकन करने के बाद मीडिया के सामने इस बात को स्वीकार किया कि यहां की जांच में भोजन, टायलेट तथा अन्य सुविधाओं से संबंधित कई खामियां मिली है। उन्होंने यह भी माना कि यह विभागीय लापरवाही और उनकी गलती है। वे अभी पिछले दिनों ही यहां पदस्थ हुए है इसलिये यहां की व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये प्रत्येक 15 दिन में किसी न किसी अधिकारी को यहां नियमित जांच के लिये भेजा जाएगा। इस दौरान हास्टल के गेट के सामने एनएसयूआई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा शाम करीब पांच बजे विभागीय मंत्री केदार कश्यप का पुतला दहन करते हुए दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग भी की गई।


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