मिट्टी भराव के कारण आधे दर्जन किसानों के खेतों में भरा पानी
रायगढ़ ! रेल कारीडोर के लिए घरघोडा के कटंगडीह में किसानों की कई एकड फसल बर्बाद कर देने की घटना के बाद इसी रेल कारीडोर को लेकर एक और गांव के कई किसानों की लगभग 25 एकड फसल पानी भराव के कारण बर्बाद हो जाने का मामला सामने आया है। विडंबनार तो यह है कि बेहामुडा के इन किसानों को फसल बर्बाद का मुआवजा प्राप्त करने के लिए दफ्तर दर दफ्तर भटकना पड़ रहा है। उक्ताशय की शिकायत लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे प्रभावित ग्रामीणों ने मुआवजा न मिलने पर अनशन की चेतावनी दी है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक विकासखण्ड घरघोडा अंतर्गत ग्राम बेहामुडा से रेल कारीडोर का मार्ग गुजर रहा है। खरसिया-घरघोडा, धर्मजयगढ़ होकर कोरबा तक जाने वाले इस रेल कारीडोर के लिए ग्राम बेहामुडा में भी कुछ किसानों की जमीन का अधिग्रहण करके रेल लाईन बिछाने के लिए मिट्टी भराव के कारण पिछले कुछ दिनों के दौरान बारिश का पानी आसपास की जमीन में भर जाने के कारण इस गांव के लगभग आधे दर्जन किसानों की 20 से 25 एकड भूमि तालाब में तब्दील हो गयी है और इन किसानों की हजारों की खडी फसल चौपड हो चुकी है। खेत में पानी भरने व खडी फसल चौपट हो जाने के कारण गांव के समता राठिया, सोहनलाल, गोवर्धन आदि लगभग 6 किसानों के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा जहो गया है। उस पर भी विडंबना यह है कि इन प्रभावित किसानों को मुआवजे के लिए तहसीलदार एसडीएम दफ्तर के कई चक्कर लगाने के बाद भी उनकी भूमि का अधिग्रहण नही होनें का हवाला देकर टाल दिया जाता है। जबकि खेती की खड़ी फसल चौपट हो जाने के कारण इन किसानों के परिवार में भुखों मरने की नौबत आ गयी है। बार-बार दफ्तर के चक्कर काटने पर भी कोई राहत नही मिलने से नाराज इन किसानों ने आज सरपंच के नेतृत्व में रायगढ़ आकर जिलाधीश को इस आशय का ज्ञापन देकर मुआवजे की गुहार लगायी है और मुआवजा नही मिलने की स्थिति में गांव में अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है। देखना यह है कि भूमि अधिग्रहण से इतर इस रेल कारीडोर से होने वाली समस्या के समाधान के लिए शासन प्रशासन पीडि़त किसानों के लिए किस तरह का राहत पैकेज लाती है।