• डीएनए टेस्ट से पितृत्व विवाद खत्म होता है,अपराध नहीं

    उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कद्दावर मंत्री रहे दद्दू प्रसाद पर कथित तौर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती के अधिवक्ता रूद्र प्रसाद मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि 'डीएनए टेस्ट से पितृत्व विवाद खत्म होता है...

    चित्रकूट !     उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कद्दावर मंत्री रहे दद्दू प्रसाद पर कथित तौर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती के अधिवक्ता रूद्र प्रसाद मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि 'डीएनए टेस्ट से पितृत्व विवाद खत्म होता है, अपराध नहीं। डीएनए टेस्ट कराने की हामी भरने से पूर्व मंत्री आरोप से मुक्त नहीं हो सकते हैं।' उल्लेखनीय है कि चित्रकूट जनपद के बरगढ़ क्षेत्र के कोल माजरा गांव की एक युवती साल भर से मायावती सरकार में ग्राम्य विकास मंत्री रहे दद्दू प्रसाद और उनके निजी सचिव अंगद पर नौकरी दिलाने के बहाने बलात्कार करने का आरोप लगाती आई है, मगर पुलिस ने पीड़िता के एक पत्र (तहरीर नहीं) को आधार मान कर पहले ही पूर्व मंत्री को क्लीन चिट देते हुए अंगद को आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। अब जब पीड़िता ने सोमवार को इलाहाबाद की निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया तो मामला फिर सुर्खियों में आ गया।युवती ने पूर्व मंत्री और अपने बच्चे का डीएनए टेस्ट की मांग की तो पूर्व मंत्री ने अपना डीएनए टेस्ट कराने की हामी भरने में देर नहीं लगाई। सड़क से अदालत की ड्योढ़ी तक युवती की पैरवी करने वाले अधिवक्ता और ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क के जिला संयोजक रुद्र प्रसाद मिश्र ने शुक्रवार को कहा, "डीएनए टेस्ट से पितृत्व विवाद खत्म होता है, अपराध नहीं। डीएनए टेस्ट की हामी भरने से पूर्व मंत्री की मुश्किलें कम नहीं होंगी और न ही वह बलात्कार के आरोप से मुक्त हो सकते हैं।" अधिवक्ता मिश्र का कहना है, "युवती लगातार पूर्व मंत्री और उनके निजी सचिव रहे अंगद पर नौकरी दिलाने के बहाने दुराचार करने की शिकायत पुलिस व अदालत से करती आई है, मगर पुलिस बचाव की मुद्रा में रही।" उन्होंने कहा कि "पीड़िता ने अदालत में सीआरपीसी की धारा-164 के तहत (कलम बंद) दिए बयान में दद्दू को आरोपी ठहराया था, लेकिन पुलिस ने इस बयान को भी कोई तवज्जो नहीं दिया और पीड़िता के बैग से बरामद एक पत्र को आधार मानकर सिर्फ अंगद के खिलाफ अभियोग दर्ज किया। जबकि तहरीर पर ही मुकदमा लिखे जाने का प्राविधान है।" उधर, पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद ने एक बार फिर कहा, "युवती उनके राजनीतिक विरोधियों से मिल कर झूठे आरोप लगा रही है। युवती ने अब तक पुलिस या अदालत में खुद के गर्भवती होने का कहीं जिक्र नहीं किया था और न ही चिकित्सीय परीक्षण में उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी।"उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं।

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