• 'तेजाब की खुली बिक्री पर हो सख्त कानून'

    नई दिल्ली ! तेजाब हमलों को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग ने तेजाब की खुली बिक्री पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार से इस बाबत सख्त कानूनी प्रावधान करने की सिफारिश की है।...

    नई दिल्ली !   तेजाब हमलों को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग ने तेजाब की खुली बिक्री पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार से इस बाबत सख्त कानूनी प्रावधान करने की सिफारिश की है। तेजाब हमले को अभी जस्टिस वर्मा कमेटी की अनुशंसा पर इसे पृथक अपराध की श्रेणी में लेते हुए आईपीसी की धारा 326ए के अंतर्गत दर्ज किया जाता है लेकिन इसमें अभी भी बिना लाइसेंस के बिक्री करने पर एक वर्ष की कैद के प्रावधान हैं। आयोग ने बताया है कि बंग्लादेश में तेजाब ले जाने, आयात, भंडारण व बिक्री पर 10 वर्ष की सजा है और ऐसे ही सख्त प्रावधान दिल्ली में होने चाहिए।        महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने बताया कि दिल्ली के 33 एसडीएम डिवीजन्स में 20 सब डिवीजन में तेजाब बिक्री करने वाले खुदरा विक्रेताओं की कोई सूचना ही नहीं रखी जा रही है। केवल 13 डिवीजन्स में रिकार्ड रखा जा रहा है और पांच क्षेत्रों में आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालंाकि बिना लाइसेंस तेजाब बिक्री करने पर 50 हजार रूपए का जुर्माना है और बीते दो साल में 16.78 लाख रूपए बतौर जुर्माना वसूले हैं। आयोग ने सुझाव दिया है कि तेजाब की बिक्री,   ले जाने, आयात, भंडारण को गैर जमानती अपराध के दायरे में लाना चाहिए। क्योंकि बंग्लादेश में सख्त प्रावधान होने के बाद तुरंत 20 फीसदी मामलों में कमी दर्ज की गई।       आयोग ने कहा है कि दिल्ली सरकार को रिटेल में तेजाब की बिक्री पर रोक के प्रावधानों को भी देखना चाहिए क्योंकि जिन आवश्यक कार्यों के लिए इसकी आवश्यकता होगी उसके लिए थोक दुकानदारों से तेजाब आपूर्ति हो सकती है। तेजाब के थोक बाजार पर भी दिल्ली सरकार को सख्त नियंत्रण व निगरानी तंत्र विकसित करना चाहिए। इसके अलावा तेजाब लाइसेंस के निरीक्षण से वसूले गए जुर्माने 16.78 लाख रूपए को तेजाब पीडि़तों के पुनर्वास पर खर्च किया जाना चाहिए। इसके साथ पीडि़तों को दी जाने वाली राशि को तीन लाख से सात लाख किए जाने के प्रस्ताव की सराहना करते हुए महिला आयोग ने कहा है कि दिल्ली सरकार एक संयुक्त सलाहकार समिति बनाए जिसमें सभी संबंधित विभागों को इसमें शामिल किया जाए और दिल्ली महिला आयोग की सिफारिशों पर भी विचार किया ताकि इन्हें लागू किया जा सके।


     

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