• 12 घंटे की माइक्रो सर्जरी बनी किशोरी के लिए वरदान

    नोएडा ! जरा सोचिए यदि किसी बच्चे की हाथ की कलाई पूरी कट जाए सिर्फ अंगूठा ही खाल के सहारे चिपका रहे। ऐसी स्थिति में हाथ जोडऩा मेडिकल साइंस के लिए भी काफी चुनौती पूर्ण है।...

    नोएडा !   जरा सोचिए यदि किसी बच्चे की हाथ की कलाई पूरी कट जाए सिर्फ अंगूठा ही खाल के सहारे चिपका रहे। ऐसी स्थिति में हाथ जोडऩा मेडिकल साइंस के लिए भी काफी चुनौती पूर्ण है। लेकिन 12 घंटे के सफल सर्जरी के बाद डाक्टरों ने यह सफलता हासिल की। महज सात साल की किशोरी के साथ यह हादसा हुआ। लेकिन अब उसकी कलाई जोड़ दी गई है तीन महीने में उसकी कलाई में पूर्ण संवेदना भी नजर आएगी और वह सारे काम कर सकेगी। 12 घंटे में एक-एक कर जोड़ी कोशिकाएं डॉक्टरों की टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती एक-एक नस को जोडऩा था। क्योंकि छोटी-छोटी आर्टरी, धमनी और नसों को जोडऩे  काफी मुश्किल भरा काम था। 12 घंटे के प्रयास के बाद डॉक्टर बच्ची के हाथ के कटे हुए हिस्से को उसकी कलाई से जोडऩे में सफलता मिली। फिलहाल बाएं हाथ में पूरी ताकत लौटने में करीब 2 से 3 महीने और गहन शारीरिक व मनोवैज्ञानिक पुनर्वास की जरूरत होगी।  फोर्टिस हॉस्पिटल के चीफ हैंड एंड रिकंस्ट्रक्टिव माइक्रोसर्जन (ऑथोपीडिक्स एंडजॉइंट रिप्लेसमेंट्स) डॉ. अभिषेक शर्मा ने बताया कि रिप्लांटेशन, रीकंस्ट्रक्शन का सबसे बेहतरीन प्रारूप है क्योंकि इससे न सिर्फ वहीं रूप मिलता है बल्कि खतरनाक दुर्घटना के बाद अंग वैसे ही काम भी करने लगते है।


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