• आदिवासियों की मदद में जुटे लोग

    रायपुर ! वनभूमि पट्टे की मांग को लेकर धरने पर बैठे आदिवासियों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन था। लोजपा नेता रघु ठाकुर ने घोषणा की थी कि दो दिन का राशन लेकर आदिवासी आए हैं, जब ये समाप्त हो जाएगा तब से अनशन शुरू हो जाएगा। सभी आदिवासी इसके लिए तैयार बैठे थे कि आज से उनका अनशन शुरू होगा, परंतु 15 मार्च को दुर्ग जिले के किसानों की ओर से घर पीछे एक किलो चावल इकट्ठा कर तीन क्ंिवटल चावल दिया गया। इसके बाद नागरिकों के सहयोग का तांता लग गया।...

    रायपुर !  वनभूमि पट्टे की मांग को लेकर धरने पर बैठे आदिवासियों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन था। लोजपा नेता रघु ठाकुर ने घोषणा की थी कि दो दिन का राशन लेकर आदिवासी आए हैं, जब ये समाप्त हो जाएगा तब से अनशन शुरू हो जाएगा। सभी आदिवासी इसके लिए तैयार बैठे थे कि आज से उनका अनशन शुरू होगा, परंतु 15 मार्च को दुर्ग जिले के किसानों की ओर से घर पीछे एक किलो चावल इकट्ठा कर तीन क्ंिवटल चावल दिया गया। इसके बाद नागरिकों के सहयोग का तांता लग गया। महासमुंद के मोहन सिंह चोपड़ा ने स्वेच्छा से दो क्ंिवटल चावल दिया। इस जन सहयोग से आदिवासियों का मन भावनाओं से सराबोर हो गया। सायंकालीन सभा में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि मानवता अभी मरी नहीं है, बल्कि जिंदा है। जिस प्रकार से स्वत: स्फूर्ति आम नागरिक सहयोग दे रहे हैं, यह एक आश्चर्यजनक घटना है और इस बात का प्रमाण है कि अब आदिवासी अकेले नहीं हैं, बल्कि उनकी लड़ाई लडऩे के लिए समाज तैयार है। सभा को संबोधित करते हुए महासमुंद के विधायक विमल चोपड़ा ने कहा कि मेरा बचपन से ही जीवन समाजवादियों का संघर्ष देखते बीता है। उन्होंने आदिवासियों के पट्टे की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि आदिवासी ही वनभूमि का नैसर्गिक अधिकारी है। उन्होंने यह भी संकल्प किया कि वे इस मामले को विधानसभा में उठाने का प्रयास करेंगे और संघर्ष में सहभागी बनेंगे।पूर्व विधायक प्रदीप चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि मैं अपनी जवानी की उम्र से इस आंदोलन को देखते रहा हूं और सहभागी भी हूं। मैं इसका पूरा समर्थन करता हूं। बाल्को के श्रमिक नेता टीएल राज, समाज सेवी गुरुदयाल सिंह बंजारे एवं स्वरूपचंद जैन ने भी सभा को संबोधित किया और सहयोग की घोषणा की।धरना मंच पर अपने संबोधन में भी लोसपा के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि हम समाज में अधिकारों के प्रति चेतना पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि स्व. डॉ. राम मनोहर लोहिया कहते थे कि मैं ऐसा इंसान बनना चाहता हूं जो स्वभाव से सिविल नाफरमानी वाला हो। आज डॉ. लोहिया की बात समाज में पुन: जागृत हो रही है। उन्होंने कहा कि हम सहयोग देने वाले सभी साथियों के आभारी हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार शीघ्र वनभूमि अधिकार अधिनियम के परिधि में इन कब्जाधारियों को पट्टे की घोषणा करेगी। धरने को लोसपा राष्ट्रीय सचिव एम. चंद्रशेखर रेड्डी, फजल हुसैन पाशा, प्रदेशाध्यक्ष मातामणि तिवारी, अशोक पंडा, श्याम मनोहर सिंह, आदिवासी नेता बंशी, श्रीमाली, रामप्रसाद नेताम भावसिंह, कमल कुमार एवं भोलाराम सिन्हा सहित अनेकों वक्ताओं ने भी संबोधित किया।  


     

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