• यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा से लैस होंगी एनएमआरसी की बसें

    नोएडा ! नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यात्रा करना अब और सुविधाजनक और सुरक्षित होगा, क्योंकि अप्रैल 2016 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में चलने वाली सिटी बस की झलक एक्सपो मार्ट में दिखाई गई।...

    नोएडा !   नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यात्रा करना अब और सुविधाजनक और सुरक्षित होगा, क्योंकि अप्रैल 2016 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में चलने वाली सिटी बस की झलक एक्सपो मार्ट में दिखाई गई। नोएडा मेट्रो रेल निगम (एनएमआरसी) द्वारा 100 से अधिक लक्जरी लो फ्लोर बसें यात्रियों के लिए चलाई जाएंगी। ये फुल लो, फ्लोर बसें दिल्ली मेट्रो की तरह ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस), सीसीटीवी कैमरों, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और पैनिक बटन आदि जैसी सभी आधुनिक सेवाओं से युक्त होंगी। इसके साथ ही ये बसें बस स्टैंड पर 6 सेंटीमीटर तक नीचे झुक सकती है। जिसकी कमांड चालक के पास होगी। बता दें कि एनएमआरसी ने इन बसों के परिचालन के लिए मुंबई की एमपी एंटरप्राइजेज एंड एसोसिएट्स के साथ समझौता किया है। इन वातानुकूलित बसों को सिटीलाइफ  का नाम दिया गया है और इनका निर्माण जेबीएम ग्रुप की इकाई जेबीएम ऑटो लिमिटेड द्वारा उत्तर प्रदेश के कोसीकलां स्थित अत्याधुनिक संयंत्र में किया गया है। ये आधुनिक बसें यूनिफॉर्म लो फ्लोर और फोल्डिंग रैम्प जैसी अन्य विशेषताओं से युक्त हैं जिससे यात्री व्हीलचेयर के साथ आसानी से इनमें चढ़ सकें और उतर सकें। बुजुर्गों और शारीरिक रूप से विकलांग यात्रियों, बच्चों और साड़ी पहनने वाली महिलाओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए इन बसों में 6 सेंटीमीटर नीलिंग को शामिल किया गया है, जो भारत में सार्वजनिक परिवहन बसों में अपने तरह की अनोखी सुविधा है। बस में 35 सीटें होंगी और लंगरगाह के साथ व्हीलचेयर की व्यवस्था होगी। इनकी ढांचागत डिजाइन इस तरह की है जो अन्य लो फ्लोर बसों के मुकाबले इन बसों में खड़े लोगों के लिए 15.20 प्रतिशत अधिक स्पेस की अनुमति देती है। यात्री उठ.बैठ सकते हैं और पिछले हिस्से में छत से टकराने की चिंता के बगैर आराम से घूम.फिर सकते हैं। उत्तर प्रदेश में निर्मित 100 से अधिक विशेष बसें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में चलेंगी एनएमआरसी इस लक्जीरियस लो, फ्लोर परिवहन बस सेवा को अप्रैल 2016 से शुरू करेगी हर मौसम के है अनुकूल बस को भारतीय यातायात और मौसम हालात को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कुछ खास विषेशताओं में मोनोकोक स्ट्रकर शामिल है जो अधिकतम ताकत और न्यूनतम वजन सुनिश्चित करता है और फ्रंट साइड की टक्कर और दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा के लिए यूरोपीय मानकों की तरह काम करता है। इन बसों में लीकेज की स्थिति में ऑटोमेटिक वाल्व क्लोज के साथ पांच बड़े डायामीटर सिलेंडरों के जरिये अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है। बसों की सीएनजी क्षमता भी 720 लीटर है।  कम होता है कार्बन उत्सर्जन कंपनी के अधिकारियों का कहना हैं कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की मौजूदा समस्या को ध्यान में रखते हुए कार्बन उत्सर्जन काफी कम है क्येोंकि ये क प्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) से चलती हैं जो डीजल या पेट्रोल की तुलना में काफी कम प्रदूषण छोड़ती है। ये बसें टक्कर और दुर्घटनाओं की स्थिति में सुरक्षा के यूरोपीय मानकों को पूरा करती हैं। सीएनजी सिलेंडर के वाल्व के तौर पर अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है जो किसी तरह के लीकेज की स्थिति में स्वत: बंद हो जाता है।


     

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