• पुरस्कार वापस नहीं लूंगा : अशोक वाजपेयी

    जयपुर | प्रख्यात कवि अशोक वाजपेयी ने शनिवार को कहा कि देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर लौटाए साहित्य अकादमी पुरस्कार को वह वापस नहीं लेंगे। वाजपेयी का यह वक्तव्य लेखिका नयनतारा सहगल द्वारा अकादमी के इस दावे का खंडन करने के बाद आया है कि उन्होंने पुरस्कार वापस लेने का फैसला किया है।...

    जयपुर | प्रख्यात कवि अशोक वाजपेयी ने शनिवार को कहा कि देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर लौटाए साहित्य अकादमी पुरस्कार को वह वापस नहीं लेंगे। वाजपेयी का यह वक्तव्य लेखिका नयनतारा सहगल द्वारा अकादमी के इस दावे का खंडन करने के बाद आया है कि उन्होंने पुरस्कार वापस लेने का फैसला किया है। अकादमी ने गुरुवार को कहा था कि सहगल समेत दो लेखकों ने अपने पुरस्कार वापस लेने पर सहमति दी है। जयपुर साहित्य महोत्सव के मौके से इतर वाजपेयी ने आईएएनएस से कहा, "उनका पुरस्कार वापस लेने का कोई इरादा नहीं है, क्योंकि देश में अभी भी असहिष्णुता का माहौल कायम है। हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र की आत्महत्या असहिष्णुता का ही अलग रूप है।" साहित्य अकादमी ने इस मुद्दे से जिस तरह निपटा, उन्होंने इस पर भी सवालिया निशान लगाए। उन्होंने कहा, "अकादमी ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि वे पुरस्कार स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने हमें इसकी यह सूचना देने में तीन महीने लगा दिए। यह निर्थक है। वे पुरस्कार को कबाड़ में फेंक सकते हैं।" साहित्य अकादमी के दावे के विपरीत सहगल ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने पुरस्कार वापस लेने की बात नहीं कही है। उन्होंने कहा, "मैं पुरस्कार वापस नहीं लेने जा रही और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में बोलती रहूंगी।" वाजपेयी ने दलित छात्र की आत्महत्या के विरोध में हैदराबाद विश्वविद्यालय की ओर दी गई डी.लिट की उपाधि भी वापस कर दी। वाजपेयी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चार दिन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "चार दिन के बाद प्रधानमंत्री का बयान आया। उन्होंने इस मुद्दे को मां के बेटा खोने के दर्द से जोड़ दिया। उन्होंने दलित मुद्दे को छुआ ही नहीं। हालांकि मैं उनके चुप्पी तोड़ने की प्रशंसा करता हूं, संभव है वास्तविक कारण के लिए आंसू हों।"


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