• रिजर्व बैंक से मांगी 11 हजार करोड की साख सीमा

    मध्यप्रदेश सरकार ने इस साल 65 लाख टन से ज्यादा गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने के वास्ते किसानों को उनकी उपज की एवज में किये जाने ...

    भोपाल  !   मध्यप्रदेश सरकार ने इस साल 65 लाख टन से ज्यादा गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने के वास्ते किसानों को उनकी उपज की एवज में किये जाने वाले समर्थन मूल्य और बोनस के भुगतान के लिये रिजर्व बैंक से 11 हजार करोड रुपये की साख सीमा मांगी है1इस साल गेहूँ खरीदी के लिये पहली बार ई.उपार्जन सिस्टम अपनाते हुए गत अक्टूबर से फरवरी माह तक पूर्व निर्धारित अवधि में कुल 11 लाख 73 हजार किसानों का अग्रिम पंजीयन किया गया1केन्द्र सरकार की समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन योजना में तय किये गये मूल्य और अपने द्वारा घोषित बोनस का तात्कालिक भुगतान राज्य सरकार को ही करना होता है1 इसी क्रम में योजना संचालन के अन्य खर्च पैकिंग मजदूरी परिवहन भण्डारण आदि तात्कालिक खर्च के लिये पैसों का इंतजाम भी राज्य सरकार पहले करती है1समर्थन मूल्य और संचालन खर्चों की भरपाई केन्द्र द्वारा बाद में और लम्बी अवधि में की जाती है1 इसके चलते ब्याज की बडी रकम भी राज्य सरकार को निरंतर चुकानी होती है1 इसके बावजूद राज्य सरकार अधिकाधिक किसानों को इस योजना से फायदा पहुंचाने के लिये उनकी तादाद और खरीदे जाने वाले गेहूँ की मात्रा में लगातार इजाफा कर रही है1राज्य सरकार ने पिछले साल 49 लाख 64 हजार मीट्रिक टन गेहूँ की समर्थन मूल्य पर रिकार्ड खरीदी कर 8 लाख से ज्यादा किसानों को लाभान्वित किया था1 इसके चलते तात्कालिक रूप से उन्हें 8244 करोड रुपयों का भुगतान किया गया1 इसमें समर्थन मूल्य के 7500 करोड रुपयों के अलावा 496 करोड रुपयों का राज्य सरकार का बोनस और उस साल पहली बार केन्द्र सरकार द्वारा घोषित बोनस की 248 करोड रुपये की राशि शामिल थी1राज्य सरकार पिछले साल के अपने ही रिकार्ड को तोडते हुए इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना में 15 लाख 36 हजार मीट्रिक टन ज्यादा गेहूँ खरीदी की संभावना और किसानों की तादाद में 3 लाख 65 हजार के इजाफे के मद्देनजर ही 11 हजार करोड रुपये का कर्ज रिजर्व बैंक से लेने जा रही है1 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ताजा घोषणा को देखते हुए अग्रिम पंजीयन की कार्रवाई 24 फरवरी से फिर शुरू कर इसे 4 मार्च तक जारी रखा जा रहा है1

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