• अजित सिंह का किंगफिशर का लाइसेंस रद्द करने से इंकार

    नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने नगदी संकट एवं पायलटों के इस्तीफे से जूझ रही एयरलाइंस कम्पनी किंगफिशर के लाइसेंस को रद्द करने से इंकार किया है। अजित ने पत्रकारों से कहा, "हम किंगफिशर को बंद करना नहीं चाहते। हमारी किंगफिशर की लाइसेंस रद्द करने की कोई योजना नहीं है। कोई भी एयरलाइन कम से कम पांच विमानों के बेड़े के साथ व्यवसाय कर सकती है।" ...

    नई दिल्ली | नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने नगदी संकट एवं पायलटों के इस्तीफे से जूझ रही एयरलाइंस कम्पनी किंगफिशर के लाइसेंस को रद्द करने से इंकार किया है। अजित ने पत्रकारों से कहा, "हम किंगफिशर को बंद करना नहीं चाहते। हमारी किंगफिशर की लाइसेंस रद्द करने की कोई योजना नहीं है। कोई भी एयरलाइन कम से कम पांच विमानों के बेड़े के साथ व्यवसाय कर सकती है।"नगदी संकट से जूझ रही किंगफिशर ने लगातार छठवें दिन गुरुवार को भी उड़ानें रद्द कीं। नागर विमानन महानिदेशालय के सूत्रों ने बताया कि एयरलाइंस द्वारा ईमेल से भेजी गई नई समयसारिणी का अध्ययन किया जा रहा है। महानिदेशालय बड़ी संख्या में रद्द हो रही उड़ानों की जांच करने के अलावा यह भी देख रहा कि वित्तीय संकट के कारण यात्रियों की सुरक्षा के साथ कहीं कोई कोताही तो नहीं बरती जा रही है। सूत्रों के अनुसार एयरलाइंस ने बिना किसी पूर्व सूचना के उड़ानें रद्द करके नियमों का उल्लंघन किया है। निदेशालय ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विमानों के निरीक्षण के लिए भी कहा है। किंगफिशर की समस्या 18 फरवरी से शुरू हुई जब इसके पायलटों ने अचानक हड़ताल कर दी। इसके बाद आयकर विभाग ने इसके खातों को बंद कर दिया, जिसकी वजह से एयरलाइंस की उड़ानें प्रभावित हुईं। फिलहाल कम्पनी पर 705.08 करोड़ रुपये का ऋण है। जबकि अक्टूबर-दिसम्बर के दौरान कम्पनी का घाटा 444.26 करोड़ रुपये हो गया।


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