• यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुई लूटपाट का किया खुलासा

    रबूपुरा ! रबूपुरा कोतवाली पुलिस ने मंगलवार यमुना एक्सप्रेस वे पर हुईं लूटपाट की वारदातों के खुलासे करते हुए पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया।...

    रबूपुरा !   रबूपुरा  कोतवाली पुलिस ने मंगलवार यमुना एक्सप्रेस वे पर हुईं लूटपाट की वारदातों के खुलासे करते हुए पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों से लूटपाट का कुछ सामान भी बरामद करने का दावा किया है। उधर आरोपी युवकों के परिजन ने पुलिस के दावे को झूठा बताते हुए निर्दोष युवकों को जेल भेजने का आरोप लगाया है। परिजन ने आला अफसरों से इसकी शिकायत करने की बात कही है। पिछले दिनों यमुना एक्सप्रेस वे पर रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र में लूटपाट की कई वारदात हुईं थी। वारदातों के खुलासे के लिए उच्च अधिकारियों का दबाव बढऩे पर पुलिस ने गांव भाईपुर, नगला हुकमसिंह, नगला भटौना, धनपुरा व कस्बा रबूपुरा से दर्जन भर युवकों को हिरासत में लिया था। युवकों की हिरासत के विरोध में उनके परिजन ने कोतवाली गेट पर धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। पूछताछ के नाम पर पुलिस युवकों को पांच दिनों तक हिरासत में लिए रही। पुलिस के रवैये को देखते हुए सोमवार को सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर कोतवाली में जमकर हंगामा काटा। मामला बिगड़ता देेख आठ युवकों को छोड़ दिया। जबकि गांव नगला हुकमसिंह निवासी तीन युवक अनिल, विनोद व विकास से पूछताछ के बाद अगले दिन छोड़ देने का आश्वासन दिया था। उधर, पुलिस ने मंगलवार सुबह आनन फानन में तीनों युवकों से लूट के 21 हजार की नगदी, सोने के कुंडल तथा व दो तमंचा बरामद करने का दावा करते हुए जेल भेज दिया। पुलिस के मुताबिक, लूटपाट की वारदातों को इन्हीं तीन युवकों ने गांव मुरादगढ़ी निवासी अपने एक साथी के साथ मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस के दावे पर उठा सवाल गांव नगला हुकमसिंह निवासी तीन युवकों को एक्सप्रेस वे के लूटेरे साबित करने के पुलिस के दावे पर सवाल उठने लगे हैं। एक तरफ जहां युवकों के परिजन ने निर्दोंषों को जेल भेजने का आरोप लगाया है, वहीं पुलिस की कार्यशैली पर कुछ सवालिया निशान भी लगे हैं। मसलन जब लूटपाट की वारदातों को इन्हीं युवकों ने अंजाम दिया था तो एक सप्ताह तक हिरासत में रखने के बाद क्यों जेल भेजा। बाकी आठ युवकों को छह दिनों तक हिरासत में क्यों रखा। हिरासत में लिए गये एक युवक के बारे में पुलिस का दावा था कि पीडि़त महिला ने उसकी पहचान की है। अगर ऐसा था तो लोगों के हंगामे के चलते उसे छोड़ क्यों दिया गया। युवकों की हिरासत के विरोध में हंगामा कर रहे लोग सभी को निर्दोष बताकर उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे। पुलिस ने सोमवार को आठ युवकों को छोड़ दिया। जबकि इन तीन युवकों के बारे में आश्वासन दिया था कि पूछताछ के बाद मंगलवार को छोड़ दिया जायेगा। अब सवाल उठता है कि अगर ये तीनों युवक लूटेरे थे तो हंगामा कर रहे उनके परिजनों को उन्हें छोड़ देने का पुलिस ने क्यों आष्वासन दिया था। परिजनों ने लगाये गम्भीर आरोप जेल भेजे गये युवकों के परिजन ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उनका कहना है इस संबंध में वह उच्चाधिकारियों से शिकायत कर न्याय की गुहार लगायेंगे। परिजनों के मुताबिक हिरासत में लिए गये अन्य युवक समाज के उच्च वर्ग से संबंधित हैं। उनके पक्ष में लोगों ने हंगामा भी किया। जिसके चलते पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। जबकि जेल भेजे गये तीनों युवक बेहद गरीब व दलित परिवारों से हैं। परिजनों ने बताया कि एक अभी नाबालिग व एक विकलांग है। उधर तीसरा आरोपी दिल्ली में नौकरी करता है। माह पूर्व ही श्शादी हुई थी। जिसके बाद से वह गांव में रह रहा था।


     

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