• फलक फिर जीवन रक्षक उपकरणों पर

    बीते तीन सप्ताह से जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती दो वर्षीया फलक को फिर जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया है।...

    नई दिल्ली| बीते तीन सप्ताह से जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती दो वर्षीया फलक को फिर जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया है। शुक्रवार की रात सांस लेने में तकलीफ होने पर फलक को दोबारा वेंटीलेटर पर रखा गया। एम्स ट्रॉमा सेंटर के न्यूरोसर्जरी के सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपक अग्रवाल ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, "फलक की हालत पहले से थोड़ी ठीक है लेकिन शुक्रवार रात उसे दोबारा जीवन रक्षक उपकरणों पर रखना पड़ा क्योंकि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।" डॉ. अग्रवाल ने फलक की हालत स्थिर बताते हुए कहा, "उसकी हालत स्थिर है। उसके सीने व खून में से संक्रमण दूर कर दिया गया है लेकिन उसके मस्तिष्क में संक्रमण अब भी चिंता का विषय बना हुआ है।" चिकित्सकों ने मस्तिष्क का संक्रमण दूर होने के बाद फलक की एक और सर्जरी किए जाने का संकेत दिया है। डॉ. अग्रवाल ने कहा, "जब एक बार मस्तिष्क का संक्रमण दूर हो जाएगा तब हम दिमाग की एक सर्जरी करेंगे, जिसमें पेट के जरिए दिमाग में एक प्लास्टिक नली डाली जाएगी। इस नली के जरिए मस्तिष्क में मौजूद द्रव्य बाहर निकाला जाएगा।" चिकित्सकों ने कहा कि फलक के इलाज का एकमात्र यही तरीका है लेकिन यदि नली से संक्रमण होता है तो उसके लिए सर्जरी की जाएगी।फलक को 18 जनवरी को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया गया था। उसे दाखिल कराने वाली एक किशोरी ने खुद को उसकी मां बताया था। फलक के सिर पर गहरी चोटें थीं और उसके शरीर पर इंसान के काटने के निशान थे। जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तब उसकी हालत बहुत गम्भीर थी।इस मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार रात राजकुमार व प्रतिमा नाम की एक महिला की गिरफ्तारी की है। राजकुमार ने अपनी किशोरी प्रेमिका को कथिततौर पर फलक सौंपी थी। प्रतिमा को पटना से गिरफ्तार किया गया और इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में मानव तस्करी का खुलासा हो गया है।

अपनी राय दें