• स्टांप ड्यूटी कम देने वालों को राहत

    नोएडा ! उत्तर प्रदेश सरकार ने समाधान योजना के तहत स्टांप ड्यूटी कम देने वालों को राहत दी है। एडीएम फाइनेंस राजेश यादव ने बताया कि आगामी फरवरी तक समाधान योजना के तहत उन लोगों को राहत दी गई जिन पर स्टांप ड्यूटी कम देने पर पैनल्टी लगी थी। ...

    नोएडा !   उत्तर प्रदेश सरकार ने समाधान योजना के तहत स्टांप ड्यूटी कम देने वालों को राहत दी है। एडीएम फाइनेंस राजेश यादव ने बताया कि आगामी फरवरी तक समाधान योजना के तहत उन लोगों को राहत दी गई जिन पर स्टांप ड्यूटी कम देने पर पैनल्टी लगी थी। आर्थिक दंड के रूप में पहले स्टांप ड्यूटी का चार गुना जुर्माना लगता है लेकिन नई योजना के तहत महज 10 रुपए में ही मामला निपट जाएगा और स्टांप ड्यूटी लेकर रेगुलेर हो जाएगा। इस समय जिले में 435 स्टांप मुकदमे दर्ज हैं, जिन पर करीब 889 करोड़ रुपए के स्टांप शुल्क का दावा किया गया है। इसके अनुसार नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी के लिए समाधान योजना लागू की गई है। 30 अक्टूबर 2015 तक स्टांप कमी के जितने भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं उनका निस्तारण शीघ्र करने को कहा गया है। संपत्ति खरीदार को पेनाल्टी से राहत दी गई है, सिर्फ 10 रुपए की पेनाल्टी लगेगी। संपत्ति पर जितना कम स्टांप लगा है, रजिस्ट्री के समय से उस पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भुगतान कर राहत पा सकते हैं। योजना तत्काल प्रभाव से प्रदेश भर में लागू कर दी गई है। बहुत से संपत्ति खरीदार सर्किल रेट से भी कम कीमत पर स्टांप शुल्क देकर रजिस्ट्री करा लेते हैं। कई बार ज्यादा निर्माण को कम दिखाकर भी स्टांप शुल्क बचाने की कोशिश की जाती है, लेकिन जब विभागीय अधिकारी मौके पर मुआयना करते हैं तो स्टांप कमी मिलने पर मुकदमा दर्ज हो जाता है। एआईजी, एसडीएम, एडीएम वित्त और डीएम के न्यायालय में ये मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। ये मुकदमे लंबे समय तक चलते रहते हैं। शासनादेश में भी बहुत अधिक अर्थदंड लगाने का जिक्र किया गया है। स्टांप कमी पाए जाने पर रजिस्ट्री होने की तिथि से स्टांप कमी की रकम पर 18 फीसदी वार्षिक ब्याज और पेनाल्टी लगाई जाती है। इसकी सीमा तय नहीं है।


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