आक्रोशित श्रमिक व परिजनों ने किया कोल परिवहन ठप
गंभीर हालत में अपोलो बिलासपुर रेफर
कोरबा ! एसईसीएल की मानिकपुर कोल हैंडलिंग प्लांट में इंजन की चपेट में आ जाने से सुपरवाइजर का एक पैर कट गया। गंभीर हालत में उसे बिलासपुर अपोलो रेफर किया गया है। हादसे से आक्रोशित कर्मचारियों व सुपरवाइजर के परिजनों ने कोल हैंडलिंग प्लांट के बाहर मुआवजा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के कारण तीन मालगाडिय़ों में कोयला लोड नहीं हुआ। मौके पर एसईसीएल के आला अधिकारी व पुलिस बल तैनात रहा।
मानिकपुर चौकी अंतर्गत गैस गोदाम के पीछे मानिकपुर में जीवलाल पटेल पिता कुनूराम पटेल 45 वर्ष निवासरत है। जीवलाल मानिकपुर कोल हैंडलिंग प्लांट में मिश्रा ठेकेदार के अधीन सुपरवाइजर के रूप में नियोजित है। रविवार सुबह 4.30 बजे प्लांट में सीएसईबी की वरूण लोको इंजन की मदद से मालगाड़ी को लोड कराया जा रहा था। इसी दौरान अचानक जीवलाल का एक पैर इंजन के पहिए की चपेट में आ गया। घटना में उसका एक पैर जांघ तक कट गया। जिस उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ता देखकर उसे बिलासपुर अपोलो रेफर किया गया। जैसे ही दुर्घटना की खबर परिजनों व श्रमिकों को मिली। सुबह 6 बजे की पाली में ड्यूटी पहुंचने वाले लगभग 200 कर्मचारियों ने काम बंद कर मुआवजा की मांग को लेकर कोल हैंडलिंग प्लांट के सामने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिजनों ने भी मुआवजा की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखा। तीनों ट्रेन कोल हैंडलिंग प्लांट के बाहर ही खड़े हुए थे। प्रदर्शन के कारण कोल हैंडलिंग प्लांट का कोल परिवहन पूरी तरह से ठप हो गया था। दुर्घटना व प्रदर्शन की खबर मिलते ही एसईसीएल के आला अधिकारी व ठेकेदार पुलिस बल की मौजूदगी में मौके पर पहुंचकर प्रदशनकारियों को समझाइश देते रहे।
36 घंटे से लगातार कार्यरत
दुर्घटना का शिकार जीवलाल पिछले 36 घंटे से कोल हैंडलिंग प्लांट में कार्यरत था। ठेका कर्मियों को इस तरह कई घंटों ड्यूटी पर रखकर उनका शोषण किया जा रहा है। एसईसीएल की खदानों में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी अंग्रेजों के जमाने की तरह ठेका मजदूरों से काम लिया जा रहा है। इस पूरे मामले में प्रशासन व एसईसीएल प्रबंधन कभी भी गंभीर नहीं रहा है।
एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही
इस दुर्घटना में एसईसीएल प्रबंधन की घोर लापरवाही देखने को मिली। इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इसके बचाव को लेकर प्रबंधन कभी भी गंभीर नहीं रहा है। एसईसीएल द्वारा वेलफेयर व जीरो दुर्घटना को लेकर लाखों, करोड़ों खर्च करने का दावा किया जाता है। लेकिन इसका वास्तविक लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है।
प्रबंधन करेगा पूरा खर्च
मामले में एसईसीएल मानिकपुर के डिप्टी जीएम इंद्रजीत सिंह के साथ यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक हुई। जिसमें घायल मजदूर को 25 हजार रुपए तत्कालिक मुआवजा दिया गया साथ ही ईलाज का संपूर्ण खर्च एसईसीएल प्रबंधन द्वारा किया जाएगा। श्रमिक के आश्रित को ठेकेदारी प्रथा में ही नियमित काम दिया जाएगा। ठेकेदार बदलने पर भी उसकी नौकरी नहीं बदली जाएगी।