• नगर निगम की अतिक्रमण शाखा में होती थी अवैध वसूली

    बिलासपुर ! हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शहर में तेजी से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। लेकिन इस दौरान चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। नगर निगम का अतिक्रमण विभाग फुटकर व्यवसायियों और ठेले वालों से लम्बे समय से अवैध वसूली कर उन्हें व्यवसाय की अनुमति देते आ रहा था। ...

    फुटकर व्यवसायी, ठेले वालों से 30 से 50 रूपए तक कर्मचारी लेते थे रोज अवैध वसूली के मामले की जानकारी मुझे नहीं है। लेकिन मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। रानू साहू आयुक्त,नगर निगम बिलासपुर !   हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शहर में तेजी से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। लेकिन इस दौरान चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। नगर निगम का अतिक्रमण विभाग फुटकर व्यवसायियों और ठेले वालों से लम्बे समय से अवैध वसूली कर उन्हें व्यवसाय की अनुमति देते आ रहा था। अतिक्रमण शाखा के कर्मचारी ठेले वालों से 50 रूपए व फुटपाथ में व्यवसाय करने वालों से 30 रूपए प्रतिदिन वसूल करते थे। शहर में ऐसे व्यवसायियों की संख्या सैकड़ों में है। अब जब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है तो नगर निगम का अतिक्रमण शाखा लाचार नजर आ रहा है, लेकिन बेदखल होने वाले व्यवसायी अब अवैध वसूली की बात अब खुलकर बोल रहे हैं। नगर निगम की अतिक्रमण शाखा ठेला फुटकर व्यवसायियों से प्रतिदिन अवैध वसूली करती थी। ठेले वालों से 50 रूपए और फुटकर व्यवसायियों से 30 रूपए की वसूली की जाती थी। बताया जाता है कि शहर में सैकड़ों की संख्या में फुटकर व्यापारी अतिक्रमण शाखा द्वारा प्रतिदिन हजारों की वसूली की जाती रही है और रकम निगम के अफसरों तक पहुंचता था। अतिक्रमण शाखा की अनुमति से ही ठेेले वाले सड़क के किनारे ठेले लगाते थे। व्यापारी भी अवैध वसूली से परेशान थे। जबकि अतिक्रमण शाखा की कार्रवाई चली तो अवैध वसूली की बात सामने आई। अतिक्रमण शाखा हर दिन कार्रवाई के नाम से खानापूर्ति करती हैं। ठेले वाले अब सड़क के किनारे व्यापार नहीं कर सकते हैं। यहां अब कार्रवाई जारी रहेगी। शहर के ठेले और फुटकर व्यवसायियों को सड़क के किनारे व्यापार करने से रोकने आदेश जारी किया गया है। आदेश के आधार पर जिला प्रशासन निगम प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा संयुक्त कार्रवाई की जा रही है। शहर के मुख्यमंत्री में ठेला और फुटकर व्यापारियों पर कार्रवाई की जा रही है। इधर व्यापारियों का कहना है कि निगम का अतिक्रमण शाखा के कर्मचारी प्रतिदिन हमसे अवैध वसूली करते थे। ठेला व्यापारी से 50 रूपए और फुटपाथ के व्यापारी से 30 रूपए लिया जाता रहा। शहर में हजारों की संख्या में ऐसे व्यवसायी हैं। दूसरी तरफ इनकी वजह से यातायात में बाधा रहती थी। मुख्यमार्गों में घंटों जाम लगा रहता था, परंतु निगम प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की थी। ठेले और फुटकर व्यवसायियों का धंधा अतिक्रमण शाखा के दम पर चलता रहा।  महीने में लाखों की वसूली अतिक्रमण शाखा द्वारा होती रही। हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगम प्रशासन को मजबूरीे में कार्रवाई करनी पड़ रही है। यह भी जानकारी मिली है कि जब अतिक्रमण शाखा कार्रवाई करने निकलता था तो व्यवसायियों को इसकी सूचना मिल जाती थी। कार्रवाई के पहले ही ठेले वाले और फुटकर व्यवसायी दूसरी ओर चले जाते थे।  निगम प्रशासन अभी तक इन व्यवसायियों को स्थायी जगह नहीं दे सका है। जबकि ठेला और फुटपाथ के व्यापारी हर बार निगम प्रशासन को टैक्स भी देते हैं। शहर में बेजा कब्जा हटने से सड़कें चौड़ी दिखने लगी है और अब यातायात भी प्रभावित नहीं हो रहा है। आम जनता को बेजा कब्जा हटाने से बड़ी राहत मिली है। वहीं कार चालक बाजारों के सड़कों पर अभी भी वाहनों की पार्किंग कर रहे हैं जिसके कारण समस्या बनी हुई है। शहर में पार्किंग जोन भी नहीं बनाया जा रहा है। जिसके कारण यातायात की समस्या बढ़ती जा रही है। जिला प्रशासन इसके लिए कार्ययोजना तक नहीं बनाई है।  


     

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