• नक्सलियों के संरक्षण में वनोपजों की तस्करी

    रायपुर ! प्रदेश के वन मंत्री महेश गागड़ा का कहना है कि नक्सलियों के संरक्षण में वनोपजों की तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा- वन नक्सलियों के कारण नहीं बल्कि आदिवासियों के कारण सुरक्षित है। वनोपज के साथ वनोषधि के संग्रहण एवं बाजार उपलब्ध कराने के लिए केरल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ औषधी बोर्ड का गठन किया जाएगा।...

      वनोपज की तस्करी रोकने उठाएंगे कड़े कदम: गागड़ा   केरल की तर्ज पर औैषधि बोर्ड का होगा गठन रायपुर !   प्रदेश के वन मंत्री महेश गागड़ा का कहना है कि नक्सलियों के संरक्षण में वनोपजों की तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा- वन नक्सलियों के कारण नहीं बल्कि आदिवासियों के कारण सुरक्षित है। वनोपज के साथ वनोषधि के संग्रहण एवं बाजार उपलब्ध कराने के लिए केरल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ औषधी बोर्ड का गठन किया जाएगा। वनवासियों को वनों से अतिरिक्त आय मिले वे उनकी प्राथमिकता होगी। प्रदेश में 44 फीसदी से अधिक क्षेत्र वनांचल के अंतर्गत आता है। जल-जंगल-जमीन के अलावा जानवरों के हित में भी काम हो रहे हैं।  मंत्री बनने के बाद बुधवार को पहली बार श्री गागड़ा रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित रूबरू कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा वनांचल क्षेत्रों में अतिक्रमण रोकने के लिये कदम उठाये जायेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिले इसलिये वन विभाग को विशेष दिशा-निर्देश दिये गये गए हैं। उन्होंने कहा- वनवासियों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिये तेजी से विभाग काम कर रहा है। इसके लिए और विशेष प्रयास किये जायेंगे। वन मंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि राज्य सरकार जल्द ही केरल की तर्ज पर मेडिसीन/औषधी बोर्ड का गठन करने जा रही है। इसमें राज्य में वैद्य तकनीक से उपचार करने वाले वैद्याचारों को विशेष प्राथमिकता मिलेगी। अगले माह तक बोर्ड का गठन कर लिया जाएगा।  हरिहर छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में वन विभाग संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। इसीलिये पूरे राज्य में पौध रोपण का कार्य चलाया जा रहा है।      वन मंत्री ने कहा कि इमली खरीदी-बिक्री में राज्य सरकार को विशेष लाभ नहीं मिलता है। तेंदूपत्ता की कीमतों को निर्धारण करने के लिये व्यापारियों और समितियों की भागीदारी दी गई है ताकि अधिक से अधिक वनवासियों को लाभ मिल पाये। श्री गागड़ा का  कहना था कि जन जंगल, जमीन जनता और जानवर इन पांच मूल तत्वों पर विभाग काम कर रहा है। वन क्षेत्रों में जलस्रोत को बढ़ाने के अवसर मिल सके और वन सुरक्षित रखे जा सके। इस दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वनांचल क्षेत्रों में होने वाली तस्करी में नक्सलियों का संरक्षण मिल रहा है। इसे रोकने के लिए सरकार काम कर रही है। वनों की सुरक्षा के लिये वन कर्मियों को मिलने वाले हथियार को  लेकर उन्होंने  कहा कि आवश्यकता के अनुसार हथियार उपलब्ध कराये जा सकते है।  फिलहाल विभागके कर्मचारी और पुलिस वनों की सुरक्षा में मिलकर काम कर रहे हैं। वनांचल क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिये उद्योगों को भी अवसर दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह में कैम्पा मद के संबंध में एक समीक्षात्मक बैठक बुलाई गई है जिसमें वनवासियों को मद से किस तरह से सुविधाएं दिलाई जा सके, इस पर चिंतन-मनन होगा। विभाग के कर्मचारियों के बीच विवाद पर उन्होंने कहा- बेहतर तालमेल से काम चल रहा है, कहीं कोई मनमुटाव नहीं है। 


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