• तृणमूल कांग्रेस का मकसद राजनीतिक लाभ लेना

    कोलकाता ! पश्चिम बंगाल के विपक्षी दलों ने शनिवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित जो फाइलें सार्वजनिक की गई हैं, वे महत्वहीन हैं और इसे सार्वजनिक करने के पीछे सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का मकसद राजनीतिक लाभ लेना है। ...

    राजनीतिक लाभ के लिए नेताजी की फाइलें सार्वजनिक की

    कोलकाता !  पश्चिम बंगाल के विपक्षी दलों ने शनिवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित जो फाइलें सार्वजनिक की गई हैं, वे महत्वहीन हैं और इसे सार्वजनिक करने के पीछे सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का मकसद राजनीतिक लाभ लेना है। 

    ममता बनर्जी की सरकार ने शुक्रवार को नेताजी के पारिवारिक सदस्यों की उपस्थिति में 12,744 पृष्ठों में विस्तृत 64 फाइलें सार्वजनिक की। नेताजी का परिवार उनके 70 वर्ष पहले अचानक लापता होने के पीछे के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए उनसे संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने के लिए अभियान चला रखा है।

    बनर्जी ने यहां नगर पुलिस संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को केंद्र सरकार से भी नेताजी से संबंधित गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करने का आह्वान किया था।

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत मिश्रा ने यहां शनिवार को कहा, "बनर्जी इस मुद्दे पर इतना होहल्ला मचा रही है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसमें उन्होंने नया क्या खुलासा किया है।"

    मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव, मिश्रा ने कहा, "सार्वजनिक की गई फाइलों की सामग्री कोई खास महत्वपूर्ण नहीं है। इन फाइलों में कुछ नहीं है। इन फाइलों के खुलासे से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है।"

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने इस निर्णय का भले ही स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 2016 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर इन फाइलों को सार्वजनिक किया है।


    सिन्हा ने कहा, "फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग लंबे समय से हो रही है। मुख्यमंत्री को अचानक यह मुद्दा क्यों याद आ गया, जब विधानसभा चुनाव महज कुछ महीने दूर है?"

    सिन्हा ने कहा, "तृणमूल का राजनीतिक दिवालिया निकल चुका है और यह इन फाइलों को सार्वजनिक कर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।"

    सिन्हा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करेगी।

    उन्होंने कहा, "इसमें कुछ विलंब हो रहा है, क्योंकि फाइलों में संवेदनशील सूचनाएं हैं और उन्हें सार्वजनिक करने से दूसरे देशों के साथ हमारे संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है। यह निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता, लेकिन फाइलें निश्चितरूप से सार्वजनिक की जाएंगी।"

    कथित रूप से नेताजी से संबंधित लगभग 130 गोपनीय फाइलें प्रधानमंत्री कार्यालय सहित केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में पड़ी हुई हैं।

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