• कोतवाली के अंदर प्रोफेसर की जमकर पिटाई, एसएसआई व मुंशी निलंबित

    उरई-जालौन (उप्र) ! रिवाल्वर के लाइसेंस का रिनुवल कराने पहुंचे हिंदी के प्रोफेसर और आरटीआई कार्यकर्ता की कोतवाली के अंदर जमकर पिटाई की गई। अगले दिन ईमेल पर प्रोफेसर की शिकायत एसपी ने पढ़ी तो उन्हें बुलवाकर एसपी ने 'सॉरी' कहा। इस मामले में कोतवाली के एसएसआई व एक मुंशी को निलंबित कर दिया गया है।...

    उरई-जालौन (उप्र) !   रिवाल्वर के लाइसेंस का रिनुवल कराने पहुंचे हिंदी के प्रोफेसर और आरटीआई कार्यकर्ता की कोतवाली के अंदर जमकर पिटाई की गई। अगले दिन ईमेल पर प्रोफेसर की शिकायत एसपी ने पढ़ी तो उन्हें बुलवाकर एसपी ने 'सॉरी' कहा। इस मामले में कोतवाली के एसएसआई व एक मुंशी को निलंबित कर दिया गया है। 

    उरई के गांधी महाविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राकेश नारायण द्विवेदी अपनी रिवाल्वर के लाइसेंस का रिनुवल कराने कोतवाली पहुंचे, जहां प्रभारी निरीक्षक दयाशंकर सिंह ने उन्हें एसएसआई हेमंत गौड़ के साथ भेज दिया। 'सुविधा शुल्क' को लेकर हेमंत गौड़ से उनकी गहमागहमी हो गई। इसके बाद हेमंत गौड़ और मुंशी कौशलेंद्र सिंह ने उन्हें दबोच लिया। उनका मोबाइल और कागजात छीन लिए और जमकर पिटाई कर दी। लगभग दो घंटे तक कोतवाली के मुंशियाने में बैठाने के बाद प्रोफेसर को छोड़ा गया। हालांकि बाद में उनका मोबाइल भी मुंशी ने वापस कर दिया। डॉ. राकेश नारायण द्विवेदी ने इसकी शिकायत ईमेल से एसपी एन. कोलांची को भेजी। डॉ. द्विवेदी जानेमाने आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं।  एसपी ने उनके मेल को गंभीरता से संज्ञान में लिया। एसपी के रुख के कारण कोतवाली में खलबली मच गई। कोतवाल दयाशंकर सिंह डॉ. द्विवेदी के घर जाकर शिकायत वापस लेने के लिए गिड़गिड़ाए।  इसी बीच एसपी के बुलाने पर डॉ. द्विवेदी ने उनसे भेंट की तो एसपी ने उनसे सॉरी कहा। उन्होंने उनकी शिकायत सीओ (सिटी) डॉ. जंगबहादुर सिंह यादव को हिदायत के साथ सौंप दी।  जैसे ही उनकी रिपोर्ट एसपी को मिली, उन्होंने हेमंत गौड़ और कौशलेंद्र सिंह को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।


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